भोपाल/ग्वालियर। बाढ़ प्रभावित जिलों में पानी उतरते ही प्रशासन ने सर्वे काम शुरू कर दिया है। सर्वे में राजस्व की टीम गांव-गांव पहुंची हैं। जो लोगों की संपत्ति के नुकसान का आंकलन कर रही है। साथ ही पशुपालन विभाग, पंचायत विभाग की टीम भी नुकसान देख रही हैं। इस बार आंकलन में गड़बड़ी पर सरकार सख्त है।
ग्वालियर में राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरतने पर चार कर्मचारियों को निलंबित किया है। लापरवाही सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों से कहा है कि आंकलन के काम में शिक्षकों को भी लगाएं।मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के जिन जिलों में बाढ़ ने कहर बरपाया वहाँ जल्दी से जल्दी सभी व्यवस्थाएँ दुरस्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। चौहान ने कहा कि सबसे पहले जनता को राहत प्रदान कर पुनर्वास के कार्य पूरे करने हैं। इसके पश्चात पुनर्निर्माण किया जायेगा। क्षति के सर्वे के लिए पारदर्शी कार्यवाही की जाये। सर्वेक्षण कार्य के पश्चात उन परिवारों को प्रारंभिक तौर पर 6 हजार रूपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाये, जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। दीर्घकालिक योजना में ऐसे क्षतिग्रस्त मकानों में रहने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह 1 लाख 20 हजार रूपये की राशि देने का कार्य किया जायेगा।
श्योपुर में निकुंज श्रीवास्तव ने संभाली कमान
बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान श्योपुर शहर में हुआ है। शहर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। पानी उतरने के बाद नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तन ने श्योपुर की कमान संभाल ली है। शहर में सफाई व्यवस्था, पेयजल और विद्युत आपूर्ति सामान्य करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की व्यवस्था भी निकुंज देख रहे है। वे ग्वालियर और इंदौर से कुल 12 जेसीबी, 6 डंपर, 30 ट्रेक्टर, 150 सफाई कर्मचारी श्योपुर में डेरा डाले हुए हैं।
कहां क्या हालात
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