• img-fluid

    वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बहाल करने के साथ ही मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट तुरंत लागू करे मोदी सरकार – आईजेयू

  • November 16, 2024


    जयपुर । आईजेयू (IJU) ने मांग की कि मोदी सरकार (Modi Government) वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बहाल करने के साथ ही (Along with restoring the Working Journalists Act) मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट तुरंत लागू करे (Should immediately implement the Media Protection Act) ।


    इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन की 14-15 नवंबर, 2024 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुई नेशनल काउंसिल मीटिंग में केंद्र की भाजपा सरकार से पुरजोर शब्दों में मांग की गई कि भारत में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों को देखते हुए मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट तुरंत प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए ताकि मीडियाकर्मी बिना किसी भय और दबाव के निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता कर सकें। इसके साथ ही आईजेयू ने मांग की वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाना चाहिए, क्योंकि मीडिया कर्मियों को जो सुरक्षा इस कानून में है, वह और किसी कानून में नहीं मिलती।

    नेशनल काउंसिल की मीटिंग से लौटने के बाद राजस्थान पत्रकार परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रोहित सोनी और पूर्व अध्यक्ष गिरिराज अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के. श्रीनिवास रेड्डी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिग में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एस. एन. सिन्हा, राष्ट्रीय महासचिव श्री बलविंदर सिंह जम्मू समेत, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, केरला, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, आध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू समेत 16 राज्यों के अध्यक्ष एवं महासचिव मौजूद थे। इस दौरान मीटिंग में बतौर मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, वन मंत्री सुबोध उनियाल, डीजी सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय बंशीधर तिवारी और सूचना आयुक्त योगेश भट्ट भी मौजूद रहे।

    इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि मीडिया समाज का दर्पण है। अगर इस दर्पण पर धूल जमी तो समाज भी गंदा दिखेगा। इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनकी पेंशन, स्वास्थ्य बीमा योजना समेत अन्य सुविधाओं पर भी सरकार ध्यान दे। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर पत्रकारों की भावनाएं केंद्र सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि उत्तराखंड में वन विभाग के जितने भी गेस्ट हाउस हैं, उनमें पत्रकारों को रियायती दर पर ठहरने की सुविधा दी जाएगी।

    डीजी सूचना एवं जन संपर्क विभाग बंशीधर तिवारी ने बताया कि पत्रकारों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए बीमा योजना लगभग तैयार है। बीमा कंपनियों से बात करके पत्रकारों को बहुत जल्द ही गोल्डन कार्ड दिए जाएंगे। पत्रकारों को पेंशन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

    मीटिंग में आईजेयू के फॉरमर प्रेसीडेंट एस. एन. सिन्हा ने बताया कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकारें अपने यहां मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट लागू कर चुकी हैं। जबकि केंद्र और अन्य राज्यों ने यह एक्ट अभी तक लागू नहीं किया है। वह भी तब जबकि यूएनओ सभी देशों को बार-बार कह चुका है कि वे पत्रकारों की सुरक्षा के लिए अपने यहां मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द से जल्द लागू करें। सिन्हा ने बताया कि मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट का मॉडल ड्राफ्ट इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन की ओर से तैयार कर लिया गया है। चूंकि इसमें कुछ प्रावधान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के हिसाब से जुड़ गए थे। बाद में भारतीय न्याय संहिता लागू हो चुकी है। इसलिए इसे जल्द ही संशोधन के साथ विभिन्न राज्य इकाइयों को भेजा जाएगा, ताकि वे अपनी राज्य सरकारों से बात करके उसे जल्द लागू करवा सकें।

    आईजेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. श्रीनिवास रेड्डी और फॉरमर प्रेसिडेंट श्री एस. एन. सिन्हा ने बताया कि श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा की शर्तें) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम साल 1955 में पारित किया गया था। इसमें पत्रकारों को काफी सुरक्षा मिली हुई थी। इसकी वजह से उन्हें समाज में भी काफी सम्मान मिला हुआ था। लेकिन, केंद्र सरकार द्वारा हाल ही इस कानून को समाप्त कर दिया गया है।

    अब पत्रकारों को उनके संस्थानों में सेवा शर्तों संबंधी कोई दिक्कत आती है तो उन्हें इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट के तहत लेबर कोर्ट में जाते थे। लेकिन, अब वर्कमैन नहीं माने जाएंगे, इसलिए हमें अब सिविल कोर्ट में जाना पड़ेगा। इसलिए श्रमजीवी त्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा की शर्तें) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1955 को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए।

    आईजेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. श्रीनिवास रेड्डी और फॉरमर प्रेसिडेंट श्री एस. एन. सिन्हा ने बताया कि केंद्र में नई सरकार आने के बाद सेंट्रल मीडिया एक्रिडेशन कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इसी तरह उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा समेत अनेक राज्यों में मीडिया एक्रिडेशन कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन ने इस बात पर भी गहरी आपत्ति जताई कि केंद्र औऱ राज्य सरकारों द्वारा पत्रकारों के एक्रिडेशन, आर्थिक सहायता समेत अन्य सुविधाओं के लिए गठित की जाने वाली कमेटियों में पिक एंड चूज के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। ताकि वे पत्रकारों के ज्वलंत मुद्दों को न उठा सकें। इसलिए आईजेयू की मांग है कि इन समितियों में पत्रकारों के आल इंडिया लेवल के संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।

    Share:

    विश्व के सबसे बड़े 'नमो घाट' का उद्घाटन किया उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने

    Sat Nov 16 , 2024
    वाराणसी । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhad) ने विश्व के सबसे बड़े ‘नमो घाट’ (World’s largest ‘Namo Ghat’) का उद्घाटन किया (Inaugurated) । इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सनातन की भूमि है और काशी इसका केंद्र है। जगदीप धनखड़ ने अपने […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved