इंदौर। इंदौर जिले में संचालित हो रही 1839 आंगनवाडिय़ों को हाईटेक करने के साथ साथ सर्वसुविधायुक्त बनाने की कार्रवाई की जा रही है। ऐसे केंद्र जो अब भी पड़ोसियों से या पंचायतों से बिजली उधार लेकर संचालित हो रहे थे, उन्हें विभाग ने 3 करोड़ 12 लाख रुपए लगाकर रोशन करना शुरू कर दिया है। 993 शासकीय भवनों में संचालित हो रही आंगनवाडिय़ों को खुद का मीटर देने के साथ साथ विभाग हर महीने बिल भरने में भी मदद कर रहा है।
3 करोड़ 12 लाख रुपए की लागत से इंदौर जिले में आंगनवाडिय़ों को रोशन किया जा रहा है। गर्मी के दिनों में बच्चों को भूख, गर्मी, मौसम की मार से बचाने के साथ-साथ राहत देने के लिए सरकार के निर्देश पर पहल की जा रही है। 993 ऐसी आंगनवाडिय़ां, जो शासकीय भवनों में संचालित की जा रही हैं, उन्हें चाकचौबंद व्यवस्था के साथ अपडेट करने के साथ विभाग ने खुद का मीटर लगवाने की सुविधा दे दी है। हालांकि 117 आंगनवाडिय़ों में अब भी काम होना बाकी है।
एलईडी पंखे, वाटर कूलर लगेंगे
ज्ञात हो कि जिले की सभी आंगनवाडिय़ों को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ठेला चलाकर खिलौने और इलेक्ट्रानिक सामान सहित आर्थिक सहायता भी जनसहयोग के माध्यम से मुहैया कराई थी, जिसमें 2 ट्रक भरकर सामान और लगभग 8 करोड़ की राशि एकत्रित हुई थी, जिसके माध्यम से आंगनवाड़ी के बच्चों को सर्वसुविधायुक्त वातावरण देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। खुद का बिजली मीटर लगने के बाद आंगनवाडिय़ों मे एलईडी के माध्यम से एलईडी, पंखे, और वाटर कूलर भी चलाए जा सकेंगे। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों की आंगनवाडिय़ों को पंचायतों और शहरी क्षेत्र में नगर निगम व पड़ोसियों की सहायता से व्यवस्थाएं की जा रही थी।
600 रुपए तक का बिल भरेगा विभाग
महिला एवं बालविकास अधिकारी रामनिवास बुधोलिया के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों पर बिजली मीटर लगाने की कवायद बहुत पहले ही शुरू हो गई थी, लेकिन अब काम पूर्णता की ओर है। बिजली मीटर लगने के बाद 600 रुपए महीने तक का बिल भरने के लिए विभाग मदद करेगा। उनके अनुसार कई केंद्रों पर बिजली मीटर नहीं लगे होने के कारण बच्चों को अंधेरे में बैठकर पढऩा होता था, अब न अंधेरा रहेगा और न ही गर्मी के दिनों में पंखे की कमी रहेगी।
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