लखनऊ । इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने आजम खान, पत्नी और बेटे को (To Azam Khan, wife and son) जमानत देने के साथ ही (Along with granting Bail) सजा पर भी रोक लगा दी (Also stayed the Sentence) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला आजम को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के सजा के फ़ैसले पर भी रोक लगा दी है।
18 अक्टूबर 2023 को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की कोर्ट ने दो जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई थी। दरअसल, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने विवेचना के बाद मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। तीनों ही लोग इस समय जमानत पर चल रहे हैं। मामला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
आरोप पत्र के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी। दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था। आरोप था कि अब्दुल्ला ने अपने दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं, जिनमें एक रामपुर नगरपालिका परिषद से, जबकि दूसरा प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से बनवाया।
ज्ञात हो कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008 के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट गए, जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई।
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