नई दिल्ली: ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा चर्चा इलेक्ट्रिक कारों की हो रही है. इंडियन मार्केट में बैटरी से चलने वाली कारें तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं. इसके अलावा हाइब्रिड और सीएनजी कारों को भी बढ़िया रिस्पॉन्स मिल रहा है.
पेट्रोल और डीजल कारों के विकल्प के तौर पर इन कारों की मांग बढ़ रही है. दरअसल, लोगों को पेट्रोल-डीजल की कीमत से छुटकारा चाहिए. इसके अलावा आरामदायक सफर के लिए मॉडर्न फीचर्स से लैस कारें भी चाहिए. इसलिए इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और सीएनजी कारों को लोग ट्राई कर रहे हैं.
इंडिया में बिकने वाली कुल पैसेंजर गाड़ियों में हाइब्रिड कारों की हिस्सेदारी 11.5 फीसदी पहुंच गई है. जेटो डायनेमिक्स के अनुसार, तीन साल पहले ये आंकड़ा केवल 8.13 फीसदी था. दूसरी तरफ, सीएनजी कारों की हिस्सेदारी तीन साल पहले 6.4 फीसदी से बढ़कर 10.3 फीसदी हो गई है.
पेट्रोल कार पहली पसंद
हालांकि, पेट्रोल कार की अब भी कोई टक्कर नहीं है. सबसे ज्यादा लोग पेट्रोल से चलने वाली कारों को ही पसंद करते हैं. देश में 60 फीसदी खरीदार पेट्रोल कार के हैं. इसके अलावा 16 फीसदी लोगों ने भी डीजल गाड़ियों को खरीदा है. इन दोनों कारों का मार्केट शेयर तो बड़ा है, लेकिन मार्केट शेयर घट रहा है.
इलेक्ट्रिक कारों की मांग में तेजी
इलेक्ट्रिक कार सबसे ज्यादा तेजी से बिकने वाली कार मानी जा सकती है. हालांकि, अभी कार मार्केट में इसका मार्केट शेयर काफी कम है. देश की कार मार्केट में इलेक्ट्रिक कारों का सिर्फ 1.6 फीसदी हिस्सा है. इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री को रोकने में दो चीजें काफी अहम है. पहला, ये कार काफी महंगी होती हैं, जबकि दूसरा ये कि मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है.
हाइब्रिड और सीएनजी का भी जलवा
हाइब्रिड कार इन दोनों कमियों को दूर करती है, क्योंकि ये पेट्रोल और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों का इस्तेमाल करती है. इससे माइलेज बेहतर होता है और पर्यावरण के लिए भी ऐसी कारें ठीक हैं. हाइब्रिड कारों के मामले में ग्राहकों को पेट्रोल या बैटरी की टेंशन से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल कार के विकल्प के तौर पर सीएनजी कारों की बढ़िया बिक्री हो रही है.
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