पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) बिहार से राजनीति की अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करने की घोषणा कर चुके हैं. सोमवार को इस पर जैसे ही उनका ट्वीट आया, बिहार के राजनीतिक (Bihar Politics) दलों में हलचल और प्रतिक्रियाओं का दौर बढ़ने लगा. सियासी पार्टियां अपने-अपने हिसाब से PK को लेकर बयान दे रही हैं. लेकिन इसी बीच जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा बयान आया है जिससे सियासत गर्म हो गई है.
उपेन्द्र कुशवाहा ने बात करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर ने बिहार से राजनीति की दोबारा शुरुआत करने की बात कही है, अच्छी बात है. जो भी राजनीति में रुचि रखता है वैसे किसी भी शख़्स को राजनीति करने का हक है. अगर प्रशांत किशोर भी राजनीति में आ रहे हैं तो इसका स्वागत होना चाहिए, इसमें गलत क्या है. उनसे जब यह पूछा गया कि क्या प्रशांत किशोर और जेडीयू के बीच भविष्य में कोई तालमेल हो सकता है तो इस पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई स्थिति होती है तो किसी के लिए मना थोड़े ही है.
पार्टी को किसी की उपयोगिता उस समय दिखती है तो पार्टी फैसला ले सकती है. प्रशांत किशोर को लेकर भी उस वक्त पार्टी देखेगी और कोई निर्णय लेगी. हालांकि कुशवाहा ने यह भी जोर देकर कहा कि प्रशांत किशोर तो पहले जेडीयू के साथ थे, पता नहीं तब क्यों चले गए थे. उस वक्त मैं जेडीयू में नहीं था. उस वक्त की परिस्थितियां कैसी थी, लेकिन फिलहाल PK को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
जाहिर है उपेन्द्र कुशवाहा जेडीयू के सीनियर नेता हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं, इसलिए PK को लेकर उनके बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता. प्रशांत किशोर को लेकर जेडीयू सॉफ्ट दिख रही है तो वहीं सहयोगी बीजेपी ने PK के बिहार से दोबारा राजनीति की शुरुआत करने पर चुटकी ली है.
नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि वो (PK) बिहार के बेटे हैं, बिहार में आए हैं, बिहार की जनता के बीच काम करिए, जनता के बीच जाइए, अच्छी बात है. इसका स्वागत होना चाहिए. लेकिन यह तो प्रशांत किशोर भी जानते होंगे कि राजनीति में लंबे समय तक जिसने संघर्ष किया है वही जनता का प्रिय हुआ है. लेकिन सिर्फ आकर जिसने भी राजनीति की है उसे जनता की किस तरह से नाराजगी झेलना पड़ी है उसे प्रशांत किशोर भी जानते होंगे. राजनीति में संघर्ष करना पड़ता है, काम करना पड़ता है. बिहार के हमारे भाई हैं आकर काम करें.
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