इस्लामाबाद (Islamabad)। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court) ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि इमरान खान (Imran Khan) के वकील अटक जेल में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं, जहां वह भ्रष्टाचार के मामले (corruption cases) में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में हैं। उनके वकील शेर अफजल खान मरवत मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक (Chief Justice Amir Farooq) के समक्ष पेश हुए और उनसे अनुरोध किया कि वह कानूनी टीम को पंजाब प्रांत की जेल में बंद खान तक पहुंचने की अनुमति देने के लिए निर्देश जारी करें।
एक प्रमुख स्थानीय समाचार पत्र की खबर के मुताबिक मरवत ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद वकीलों को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि खान के वकीलों के खिलाफ जेल में व्यवधान पैदा करने के झूठे आरोप लगाए गए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, हमने पहले भी कहा है और हम इसे फिर से कहेंगे, वकीलों को बैठकें करने की अनुमति है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, इन बैठकों की अनुमति देने में विफलता को अदालत की अवमानना के रूप में देखा जाएगा।
खबर के मुताबिक, अदालत ने खान की उस याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें अटक जिला जेल से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था। मुख्य न्यायाधीश फारूक ने कहा, हमारे सामने जेल में बैठकों और सुविधाओं का मामला है। हम उचित आदेश जारी करेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री को शनिवार को सलाखों के पीछे डाले जाने के बाद गुरुवार को खान की पत्नी बुशरा बीबी को पहली बार अपने पति से मिलने की अनुमति दी गई थी, जबकि उनकी कानूनी टीम को खान के साथ बैठक करने से रोक दिया गया था। खान के वकील नईम हैदर पंजूथा ने बताया कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद बुशरा ने खान से मुलाकात की। पंजूथा को सोमवार को जेल अधिकारियों ने खान से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन गुरुवार को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया।
पीटीआई प्रमुख से मिलने के बाद उन्होंने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री को ‘परेशान’ स्थिति में रखा जा रहा है और ‘सी-श्रेणी की जेल सुविधाएं’ मुहैया कराई जा रही हैं। पूर्वी पंजाब प्रांत की अटक जेल अपनी कठोर परिस्थितियों के लिए बदनाम है और इसके कैदियों में दोषी आतंकवादी भी शामिल हैं। खान ने अपने वकीलों से कहा है कि उन्हें अटक जेल से बाहर ले जाया जाए क्योंकि वह एयर कंडीशनिंग के बिना एक छोटी, अलग-थलग कोठरी में नहीं रहना चाहते हैं, जो दिन में मक्खियों और रात में कीड़ों से ग्रस्त है। उनकी पार्टी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और खान को अटक जेल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है।
शहबाज शरीफ ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नाम प्रस्तावित करने को कहा
उधर, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आज निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से शनिवार तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए एक नाम प्रस्तावित करने को कहा। प्रधानमंत्री और विपक्षी दलों ने नौ अगस्त को नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू किया था।
खबर के मुताबिक गुरुवार को हुई बैठक में छह नामों पर चर्चा हुई और शरीफ और रियाज के एक और दौर की चर्चा के लिए शुक्रवार को फिर से मिलने की उम्मीद है। शरीफ और रियाज को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि उन्होंने नौ अगस्त को प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है।
पत्र में कहा गया है, ‘संविधान के अनुच्छेद 224 (1ए) के प्रावधान के तहत राष्ट्रपति निवर्तमान प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं।’ पत्र में कहा गया है कि दोनों दलों को संसद के निचले सदन के भंग होने के तीन दिन के भीतर नियुक्ति के लिए नाम प्रस्तावित करना होता है। इसके बाद अल्वी ने शरीफ और रियाज को निर्देश दिया कि वे अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम का प्रस्ताव 12 अगस्त से पहले नहीं करें।
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