लाहौर। पाकिस्तान में विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने इमरान खान सरकार पर दबाव बढ़ा दिया। रहमान ने सभी विपक्षी सांसदों और विधायकों से कहा है कि वे 31 दिसंबर तक अपने इस्तीफे अपने-अपने पार्टी प्रमुख को सौंप दें। गठबंधन में कुल 11 दल शामिल हैं। मौलाना ने साफ कर दिया कि इमरान खान सरकार चाहे जितना दमन और नेताओं की गिरफ्तारियां करे, रविवार को लाहौर में पीडीएम की रैली जरूर होगी।
मंगलवार शाम विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने मीटिंग की। इसके बाद मीडिया से बातचीत की। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज भी मौजूद थीं। मरियम ने कहा- हमने तय किया है कि पीडीएम में शामिल सभी सांसद और विधायक 31 दिसंबर तक अपने इस्तीफे पार्टी सुप्रीमो को सौंप देंगे। इस दौरान पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी भी मौजूद थे। वे हाल ही में कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए हैं।
PDM रविवार को लाहौर में एक बड़ी रैली करने जा रहा है और इमरान सरकार इसे रोकने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। मौलाना ने साफ कर दिया कि गठबंधन की जल्द ही एक और बैठक होगी। इसमें हड़ताल, विरोध प्रदर्शन और रैलियों की तारीखें तय की जाएंगी। गठबंधन लॉन्ग मार्च निकालने की भी तैयारी कर रहा है। इस पर भी अगली मीटिंग में फैसला हो सकता है। उन्होंने कहा- यह तय मानकर चलिए कि लाहौर में होने वाली रैली ऐतिहासिक होगी और इसके बाद यह सरकार चंद दिन ही चल पाएगी।
एक सवाल के जवाब में पीएमएलएन नेता मरियम ने कहा- सरकार देश की जनता चुनती है। इसलिए मैं कहती हैं कि इमरान इलेक्टेड नहीं सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर हैं। फौज का नाम लिए बिना मरियम ने कहा- वे उनके साथ खड़े हों या न हों। हमें इससे कोई लेना-देना नहीं। हमारा आंदोलन पूरे सिस्टम और उसे खराब करने वाले लोगों के खिलाफ है। विपक्षी गठबंधन के बढ़ते दबाव के बीच इमरान खान ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा- अपोजिशन चाहे 10 रैलियां कर ले। मेरी सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। ये नेता मुझे अभी जानते नहीं हैं। मैं पीछे हटने वालों में से नहीं हूं। उन्हें देश के विकास और चुनौतियों से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे सिर्फ अपने हित साध रहे हैं।
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