इन्दौर। रेसकोर्स रोड स्थित बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स की जमीन एक रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष भू-फाटक की दर पर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दी गई। इसी तरह जमीन अन्य खेल संगठनों को शासन ने आवंटित की, मगर सभी का दुरुपयोग हो रहा है। अभी बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स ट्रस्ट पर आरोप लगे कि उसने लाखों रुपए किराया लेकर पिजाटो रेस्टोरेंट के अलावा एग्जीबिशन के लिए जगह दे डाली, जबकि बास्केटबॉल स्पर्धा के लिए आने वाले खिलाडिय़ों को होटलों में ठहरना पड़ रहा है। 6 लाख रुपए से अधिक हर माह अवैध रूप से किराया ट्रस्टियों द्वारा अर्जित किया जा रहा है। पूर्व में भी शासन लीज शर्तों के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई कर चुका है।
रेसकोर्स रोड पर जहां प्राधिकरण का भवन है, उसके साथ लगी हुई बेशकीमती जमीन सालों पहले खेल संगठनों को दी गई, जिसमें बास्केटबॉल ट्रस्ट, खेल प्रशाल, टेनिस क्लब से लेकर होलकर स्टेडियम को ये जमीनें मिलीं। पूर्व में भी इन जमीनों के व्यावसायिक दुरुपयोग की शिकायतें होने पर शासन ने जांच भी करवाई। मगर इन ट्रस्टों के साथ चूंकि रसूखदार जुड़े रहे, इसलिए जमीन वापस लेने की कार्रवाई नहीं हो सकी। अभी बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स ट्रस्ट पर भी खेल गतिविधियों की बजाय व्यावसायिक उपयोग कर लाखों-करोड़ों कमाने के आरोप लगे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव राकेशसिंह यादव ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ कलेक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की है कि बास्केटबॉल ट्रस्ट के कर्ताधर्ताओं ने परिसर को किराए पर उठाकर अवैध कमाई का जरिया बना लिया और कॉम्प्लेक्स की हालत बूचडख़ाने की तरह कर दी। पूर्व में भी 2014 में तत्कालीन ट्रस्ट अध्यक्ष पर व्यावसायिक उपयोग कर करोड़ों की हेराफेरी के आरोप लगे थे और फिर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की पेनल्टी जमा करने के नोटिस दिए और सालों तक बास्केटबॉल ट्रस्ट की लीज का नवीनीकरण भी नहीं किया गया। मगर उसके बाद 3 सितंबर 2014 की जांच रिपोर्ट के पालन में शासन ने यह स्पष्ट निर्देश दिए कि ट्रस्ट किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधि नहीं कर सकेगा। सिर्फ खेल गतिविधियों को ही संचालित करेंगे।
अलबत्ता एक ट्रस्ट को अवश्य व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति मिली थी। मगर बास्केटबॉल ट्रस्ट ने इन निर्देशों का दरकिनार करते हुए एक बार फिर व्यावसायिक इस्तेमाल धड़ल्ले से शुरू कर दिया और दस्तावेजों में नाममात्र किराया दर्र्ज कर बिना रिकॉर्ड भी लाखों रुपए की वसूली के आरोप यादव ने लगाए। पिजाटो रेस्टोरेंट के साथ-साथ एग्जीबिशन लगवाने से लेकर अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी लगातार संचालित की जाती हैं और बास्केटबॉल खेलने आने वाली टीमों को बाहर की होटलों, स्कूलों या अन्य जगह रूकना पड़ता है और ट्रस्ट में बने कमरे-हॉल को कबाडख़ाने में तब्दील कर दिया है, जिसके चलते खिलाड़ी ठहर ही नहीं पाते।
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