नई दिल्ली(New Delhi) । पश्चिम बंगाल (West Bengal)के राज्यपाल सीवी बोस(Governor CV Bose) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Chief Minister Mamata Banerjee) पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजभवन की स्टाफर(Rajbhawan Staffer) के साथ यौन उत्पीड़न के जो आरोप उनके ऊपर लगे हैं, इसके पीछे ममता बनर्जी की भूमिका है। राजभवन कोलकाता के एक्स हैंडल से मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी लिखी गई है। इसमें कहा गया है कि यह एक प्रॉक्सी वॉर है, जिसमें मुख्यमंत्री आम लोगों के गाढ़ी कमाई के पैसे महंगे वकीलों पर उड़ा रही हैं। उन्होंने आगे लिखा कि सीएम की डर्टी ट्रिक्स के आगे गवर्नर झुकेंगे नहीं और हिंसा व भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
इस पोस्ट में आगे लिखा गया है कि महिला कर्मचारी द्वारा शिकायत मिलते ही जांच बिठा दी गई थी। यह इनहाउस जांच एक पूर्व जज कर रहे थे। इनहाउस इंक्वॉयरी की जो शुरुआती रिपोर्ट थी उसमें कहा गया था कि पुलिस कार में ले जाए जाने से पहले शिकायतकर्ता ने राजभवन से लगे पुलिस आउटपोस्ट में करीब दो घंटे बिताए। रोचक बात यह है कि वहां तैनात पुलिसकर्मी महिला और अन्य लोगों का करीबी जान पड़ता है। ऐसा लगता है कि इन लोगों ने मिलकर राज्यपाल के खिलाफ मनगढ़त आरोपों की कहानी तैयार की। 2 मई 2024 के बाद अचानक फैब्रिकेटेड आरोप सामने आने लगे।
गौरतलब है कि मई महीने में पश्चिम बंगाल राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। तभी से इस मामले पर सियासी संग्राम मचा हुआ है। उस वक्त भी राज्यपाल ने आरोप को बेतुका नाटक बताया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी उन्हें भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के उनके दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा। बोस ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्रेरित जांच करने की आड़ में राजभवन में पुलिसकर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
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