नई दिल्ली(New Delhi) । पश्चिम बंगाल (West Bengal)के राज्यपाल सी वी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose)पर राजभवन की एक महिला कर्मचारी (Female employees)ने यौन शोषण(Sexual Exploitation) के आरोप (Blame)लगाए हैं। महिला ने इस संबंध में पुलिस में अपनी शिकायत दी है। बताया जा रहा है कि यह महिला राजभवन में कांट्रेक्ट पर काम करती है। महिला ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में शिकायत दी है। मामला सामने आने के बाद टीएमसी के नेताओं ने राज्यपाल के ख़िलाफ सोशल मीडिया पोस्ट्स की झड़ी लगा दी। राजभवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चुनावी फ़ायदों के लिए ‘राजनैतिक दल के एजेंट ने उनपर घिनौने आरोप लगाए हैं।
टीएमसी के नेता मंत्रियों के सोशल मीडिया पोस्ट और बयानों से नाराज राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों का बॉयकॉट किया है। उन्होंने मंत्रियों के राजभवन में प्रवेश पर रोक लगा दी है। उन्होंने कोलकाता ही नहीं बल्कि दार्जिलिंग और बैरकपुर में भी राजभवन में मंत्रियों के जाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा जिस कार्यक्रम में मंत्री शामिल होंगे उनमें राज्यपाल नहीं जायेंगे। राजभवन ने बयान में कहा है कि इस मामले में जांच करने अगर पुलिस आती है तो उनपर भी प्रतिबंध लगाया जाता है। संविधान की धारा-361 के तहत राज्यपाल पर एफआईआर नहीं हो सकती है।
सरकार-राज्यपाल के बीच तनातनी है पुरानी
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से तनातनी रही है। ममता सरकार राज्यपाल पर काम में अड़ंगा लगाने का आरोप लगा चुकी है। गवर्नर सीवी आनंद बोस ने बीते साल राज्य सरकार पर उनकी जासूसी करवाने तक का गंभीर आरोप लगा दिया था। गवर्नर ने दावा था किया था कि उनके पास कोलकाता स्थित गवर्नर हाउस में जासूसी के संबंध में विश्वसनीय जानकारी है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग को इसके बारे में जनकारी दे दी गई है। पिछले राज्यपाल की तर्ज पर ही सीवी आनंद के भी मामता बनर्जी सरकार के साथ खटास भरे संबंध रहे हैं।
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