इंदौर। जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसान नेता ने नर्मदा प्रोजेक्ट मेंकरोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और उनका कहना है कि घटिया क्वालिटी के पाइपों का इस्तेमाल मुख्य लाइन में किया जा रहा है। उनकी मांग है कि नर्मदा प्रोजेक्ट के तहत जितने भी कार्य चल रहे हैं, उसकी जांच सीबीआई या मुख्य न्यायाधीश की देख-रेख में करवाई जाए। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने यह भी बताया कि पिछले दिनों रेलवे लाइन का काम भी आक्रोशित किसानों ने रुकवाया था। इंदौर-बुधनी रेल लाइन में जमीन अधिग्रहण का विरोध किसान कर रहे हैं।
किसान नेता हंसराज मंडलोई ने आरोप लगाया कि नर्मदा प्रोजेक्ट के तहत होने वाले कार्यों में भयंकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है एवं जो पाइपलाइन डाली जा रही है, उनमें बहुत ही हल्के किस्म के पाइपों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हंसराज मंडलोई ने आगे बताया कि यूं तो नर्मदा के नाम पर वोट लेने वाली भाजपा सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही हैं कि हमारे द्वारा सिंचाई के क्षेत्र में भारी वृद्धि की गई है, जबकि वस्तु स्थिति यहां है कि कांग्रेस सरकार ने अपने जमाने में सरदार सरोवर एवं इंदिरा बांध जैसे बांधों की शृंखला पूरे मध्य प्रदेश में खड़ी कर दी थी प्रदेश में 20 सालों से एवं 10 सालों से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है परंतु इसके बाद उनके द्वारा आज तक मालवा प्रांत के किसानों के लिए पानी के संबंध में सही प्रयत्न नहीं किए गए हैं।
प्रदेश सरकार की अनदेखी के कारण या यूं कहे मोदी के दबाव के कारण प्रदेश में नर्मदा प्रोजेक्ट के काम बहुत ही धीमी गति से चल रहे हैं, जिसके कारण प्रदेश के हिस्से का पानी गुजरात जा रहा है और मध्य प्रदेश मरुस्थल बनता जा रहा है। अभी जो ओंकारेश्वर से नर्मदा की पाइपलाइन मालवा क्षेत्र में लाई गई है उसका विगत दिनों परीक्षण किया गया तो देवास जिले के हार्ड पिपलिया विधानसभा क्षेत्र के गांव सिरोलिया बांगड़दा के पास मुख्य पाइप लाइन के पाइप पानी का दबाव सहन नहीं कर सके और दब गए वह तो घणी मत रही की पाइप लाइन में पूरे प्रेशर से पानी नहीं छोड़ा गया था।
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