नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को अनुमति दे दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के इसी आदेश को चुनौती देने के लिए अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। खबर है कि मस्जिद कमेटी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एएसआई को सर्वे की इजाजत न दी जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मुद्दे पर गौर करेगा।
बता दें कि आज कोर्ट में ज्ञानवापी के वैज्ञानिक तरीके से ASI सर्वे के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज हो गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर आज अपना फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब वाराणसी जिला अदालत का ASI सर्वे का आदेश प्रभावी हो गया है। 27 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुस्लिम पक्ष मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ओर से वाराणसी जिला जज के 21 जुलाई के ASI सर्वे के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
बता दें कि ज्ञानवापी के अंदर से आई तस्वीरों में दीवारों और खंभों पर कई कलाकृतियां दिख रही हैं। दावा ये किया जा रहा है कि कलाकृतियां नागर शैली में बनी हैं और ऐसा प्राचीन मंदिरों में होता था। बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी में खंडित मुर्ति तो दिखी ही, दीवारों पर स्वास्तिक के निशान दिख रहे हैं। हिंदू पक्ष पूछ रहा है कि मस्जिद में स्वास्तिक का निशान तो होता नहीं है फिर ज्ञानवापी में क्यों है। स्वास्तिक ही नहीं, ज्ञानवापी की दीवारों पर डमरू के चिन्ह होने का भी दावा किया जा रहा है। इसके अलावा मंदिर के मंडर के ऊपर गर्भगृह होने के दावे की एक और भी तस्वीर सामने आई। ज्ञानवापी के अंदर की जो दीवारें हैं, उनका कंस्ट्रक्शन बिल्कुल वैसा ही है, जैसा प्राचीन मंदिरों का होता है। इतना ही नहीं दीवारों पर श्लोक लिखे होने का दावा किया गया है।
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