नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा (Line of control) पर स्थित बीएसएफ (BSF) की फॉरवर्ड लोकेशन वाली पोस्ट (forward location post) पर जवानों को ठंड से बचाने के लिए पहली बार हर मौसम के लिए कारगर ऑल वेदर कंटेनर (all weather container) लगाए जा रहे हैं। पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से किसी भी समय गोलीबारी की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह कंटेनर लगाए जा रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि एलओसी से सटे बीएसएफ की फॉरवर्ड पोस्ट पर सर्दियों के दौरान काफी ठंड रहती है। खासतौर पर सर्दियों के दौरान यहां का तापमान माइनस 30-40 तक चला जाता है। बीएसएफ के जवानों को भीषण ठंड से बचाने के लिए खास तरीके के कंटेनर लगाए जा रहे हैं। इसके जरिए जवान कड़ाके की ठंड से खुद को बचा सकेंगे।
50 करोड़ की लागत
करीब 50 करोड़ की लागत से लगाए जा रहे इन कंटेनर में जवानों की हर सुविधा का काफी ख्याल रखा गया है। अधिकारी ने कहा, जब बाहर का तापमान माइनस में काफी नीचे तक होगा तो उस स्थिति में भी कंटेनर के अंदर बैठे जवान को कड़ाके के ठंड का बिल्कुल असर नहीं होगा और वह इसमें आराम से रह सकेंगे।
कंटेनर के अंदर ही किचन और टॉयलेट की भी व्यवस्था
कंटेनर के अंदर ही किचन और टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है, जिसकी वजह से जवान को इससे बाहर आने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। अधिकारी ने कहा कि एलओसी की फॉरवर्ड लोकेशन की पोस्ट पर पाकिस्तान की तरफ से कभी भी शेलिंग की आशंका होती है। पाकिस्तान की तरफ से होने वाली इन शेलिंग से बचाने के लिए ये सभी कंटेनर ऐसी जगह लगाए जा रहे हैं, जिन्हें पाकिस्तान की पोस्ट में बैठे जवान देख न सकें।
सोलर पैनल की भी व्यवस्था
अधिकारी ने बताया कि अभी 115 कंटेनर बनाए जा रहे हैं। यह अत्याधुनिक तकनीक और सुविधा से लैस हैं। प्रभावी संचार व्यवस्था भी उपलब्ध है। इनमें सोलर पैनल की भी व्यवस्था है। हल्के होने की वजह से इन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट भी किया जा सकता है।
जवानों की सुविधा में लगातार बढ़ोतरी
गौरतलब है कि करीब 344 किलोमीटर तक फैली लाइन ऑफ कंट्रोल एलओसी पर बीएसएफ और सेना तैनात है, जो मिलकर नियंत्रण रेखा की निगरानी करती हैं। एलओसी पर बीएसएफ की 164 फॉरवर्ड डिफेंस लोकेशन की पोस्ट हैं। अधिकारी ने कहा कि जवानों की सुविधा में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। खासतौर पर रिमोट इलाको में जवानों की सुविधा का खास ख्याल रखा जा रहा है। कठोर ड्यूटी की अवधि में भी तालमेल की कोशिश की जा रही है। यहां तैनात जवानों को छुट्टी को लेकर भी लचीला रुख अपनाया जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved