इंदौर। उज्जैन के महाकाल मंदिर में होली के दिन भस्मारती के दौरान लगी आग में झुलसे 11 पुजारी और भक्त कल स्वस्थ होकर अरबिंदो अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। सभी का अस्पताल के 64 डॉक्टर्स और टीम की निगरानी में उपचार चल रहा था। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट सहित उज्जैन कमिश्नर संजय गुप्ता, कलेक्टर नीरजसिंह, एडीएम अंकुल जैन के अलावा मंदिर प्रशासक संदीप सोनी और इंदौर के कलेक्टर-कमिश्नर ने सतत निगरानी रखते हुए अस्पताल के डाक्टरों को प्रोत्साहित किया। अरबिंदो के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि इलाज के लिए अस्पताल की 64 डॉक्टरों की टीम लगातार जुटी थी। अस्पताल की बर्न यूनिट के हेड डॉ. अजय लुणावत ने बताया कि अधिकांश मरीज 30 प्रतिशत से अधिक जले थे और सबकी स्थिति अलग थी। उन युवा मरीजों की खास देखभाल की गई, जिनके चेहरे बुरी तरह झुलस गए थे। डॉक्टर्स की टीम ने न केवल उनकी जान बचाई, बल्कि अपनी ओर से पूरी कोशिश की कि उन युवा मरीजों के चेहरों पर जलने के भी निशान बाकी न रहें। अस्पताल से पुजारी मनोज जोशी, संजय पुजारी, शुभम जोशी, आनंद विकास शर्मा, रमेश चिंतामण गेहलोत, सोनू राठौर, अंश शर्मा मंगल और कमल स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। अस्पताल में डॉ. फहद अंसारी, डॉ. मुदित अग्रवाल, डॉ. सिमरन बहल, डॉ. चेतन अग्रवाल और अन्य की कोशिश विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। टीम के दीपा सिंह, आलोक कुमार, मयंक जायसवाल, रितेश पंवार और पूजा प्रजापत ने भी देखभाल और उपचार के दौरान विशेष योगदान दिया।
एक सेवक की हो चुकी है मौत
महाकाल मंदिर में झुलसे सभी पुजारी और सेवक जहां अरबिंदो अस्पताल से स्वस्थ होकर लौटे, वहीं गंभीर अवस्था में झुलसे 80 वर्षीय सेवक सत्यनारायण सोनी 30 प्रतिशत से अधिक झुलसने के बाद मुंबई ले जाए गए, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
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