इंदौर (Indore)। इन दिनों विकास यात्राएं (Vikas Yatras) चल रही है, जिसके बहाने से सभी विभागों के अधिकारी दफ्तर से गायब रहते हैं। नतीजतन विभागीय कामकाज (As a result departmental work) के साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन में लम्बित आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। समय सीमा की बैठक में कल कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी अधिनस्थ अधिकारियों पर जमकर बरसे और दो टूक कहा कि राजस्व सहित अन्य काम लम्बित हो रहे हैं और विकास यात्रा में व्यस्तता का बहाना नहीं चलेगा। उसके साथ विभागीय जिम्मेदारी भी निभाना पड़ेगी। देपालपुर एसडीएम सहित तीन अफसरों को नोटिस भी थमाए गए।
एक तरफ कलेक्टर खुद मंगलवार की जनसुनवाई में बैठते हैं। बावजूद इसके पीडि़तों की संख्या में कमी नहीं आ रही, उल्टा आवेदन और बढ़ गए। सीएम हेल्पलाइन में ही इंदौर जिले की स्थिति दयनीय रहने के चलते कल समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जमकर नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन में दर्ज आवेदनों के निराकरण की विभागवार समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि सारे अधिकारी इन आवेदनों के निराकरण पर विशेष ध्यान दें और अब अगले एक हफ्ते तक ये प्रयास करें कि 50 दिन से अधिक लम्बित आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित हो और उसमें किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।
कुछ अधिकारियों ने जब विकास यात्रा का हवाला दिया तो कलेक्टर ने कहा कि विकास यात्रा भी जारी है, लेकिन विभागीय जिम्मेदारी भी उसके साथ निभाना होगी। राजस्व के ही कई प्रकरण लम्बित पड़े हैं। डायवर्शन सहित अन्य वसूली की स्थिति भी बेहतर नहीं है। उन्होंने इस तरह की लापरवाही पर कार्यपालन यंत्री पीएचई, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी और सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण के साथ-साथ अपने अधिनस्थ अधिकारी एसडीएम देपालपुर को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही कलेक्टर ने शासन निर्देश पर अवैध कालोनियों को वैध करने की चल रही प्रक्रिया को भी तेज करने को कहा और सभी एसडीएम को निर्देश दिए वे अपने-अपने क्षेत्रों की नगर परिषदों में इस तरह की कार्रवाई करें और जलसंकट के लिए भी कंट्रोल रूम बने।
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