इंदौर (Indore)। मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) के पहले चरण की सारी बाधाएं अब दूर हो गई है और मध्य क्षेत्र के 9 किलोमीटर के अंडरग्राउंड ट्रैक के लिए जल्द ही टेंडरिंग प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। साढ़े 31 किलोमीटर का जो पहला चरण अभी अमल में लाया जा रहा है उसमें लगभग 23 किलोमीटर का हिस्सा तो एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में तैयार किया जा रहा है और इसमें से भी साढ़े 17 किलोमीटर के हिस्से पर सुपर कॉरिडोर से लेकर एमआर-10 होते हुए रोबोट चौराहा तक तेजी से काम चल रहा है। उसके आगे पलासिया चौराहा तक के टेंडर भी पिछले दिनों बुला लिए थे और यह 5.3 किलोमीटर का हिस्सा भी एलिवेटेड ही रहेगा। अब हाईकोर्ट से पहले और एयरपोर्ट के आगे तक का पूरा 9 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड होगा।
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अफसरों की रणनीति कामयाब रही और ताई सहित सभी जनप्रतिनिधियों को परिवर्तित किए गए अंडरग्राउंड ट्रैक का प्रजेंटेशन दिखाकर सभी की सहमति भी ले ली गई। बीते कई महीनों से शहर के मध्य क्षेत्र को लेकर अनिर्णय की स्थिति थी कि मेट्रो प्रोजेक्ट रीगल से लेकर कोठारी मार्केट, एमजी रोड, राजवाड़ा से बड़ा गणपति तक कैसे अमल में लाएंगे, क्योंकि यह क्षेत्र अत्यंत घना और यातायात की दृष्टि से भी व्यस्ततम् है। पहले एलिवेटेड कॉरिडोर की योजना बनी, उसके बाद अंडरग्राउंड ट्रैक का भी विरोध जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ दुकानदारों, व्यापारी संगठनों ने शुरू कर दिया। नतीजतन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने बीते दिनों में लगातार अफसरों और मेट्रो के विशेषज्ञों के साथ बैठकें कीं और इस 9 किलोमीटर मध्य क्षेत्र के हिस्से को लेकर इस तरह से रुट तय करवाया कि गांधी हॉल से लेकर कोठारी मार्केट, राजवाड़ा सहित ऐतिहासिक और अन्य प्रमुख स्थलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा और एमजी रोड तथा सुभाष मार्ग के बीच में से यह अंडरग्राउंड ट्रैक निकल जाएगा, जिसकी शुरुआत हाईकोर्ट के थोड़ा पहले से होगी।
यानी वहां से रैम्प बनाकर अंडरग्राउंड खुदाई का काम शुरू होगा और फिर पूरे 9 किलोमीटर अंदर ही अंदर जमीन के 70 फीट नीचे अत्याधुनिक मशीनों से कटाई होगी और फिर दूसरा सिरा एयरपोर्ट के आगे निकलेगा। यानी इस 9 किलोमीटर के हिस्से में जहां से काम शुरू होगा, वहां गड्ढा खोदने से लेकर जहां काम खत्म होगा, बस वहीं पर यातायात को कुछ परिवर्तित करना पड़ेगा। अभी शनिवार को इस हिस्से को लेकर चल रही सारी बाधाओं को दूर कर लिया गया। दरअसल पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और सांसद रही सुमित्रा महाजन ताई ने अंडरग्राउंड ट्रैक का विरोध किया था। लिहाजा एमडी मनीष सिंह अपने विशेषज्ञों को लेकर सुबह ताई के घर पहुंचे और उन्हें विस्तृत प्रजेंटेशन बताकर जानकारी दी गई, जिससे ताई भी सहमत हो गई। उसके बाद शाम 5 बजे से खंडवा रोड स्थित आईटी पार्क पर हुई बैठक में मंत्री, सांसद से लेकर सभी विधायकों, प्राधिकरण अध्यक्ष तथा सभी जनप्रतिनिधियों को अंडरग्राउंड ट्रैक की जानकारी दी गई और इस पर सभी सहमत भी हो गए। इसके चलते अब इस 9 किलोमीटर के साथ इंदौर मेट्रो के लगभग साढ़े 31 किलोमीटर के पहले चरण की जहां सारी बाधाएं दूर हो गई, वहीं एलिवेटेड के साथ-साथ अंडरग्राउंड ट्रैक का अलाइनमेंट भी तय हो गया है, जिसके चलते अब मेट्रो रेल कार्पोरेशन इस हिस्से की टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू कर सकेगा। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकरलालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा, उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, आकाश विजयवर्गीय, महेन्द्र हार्डिया, पूर्व विधायक मनोज पटेल, गौरव रणदिवे, मधु वर्मा सहित एमडी मनीष सिंह, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के विशेषज्ञों के साथ इंदौर-भोपाल मेट्रो के चल रहे प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारी, ठेकेदार और अन्य विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद रहे।
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