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प्रदेश के सभी वन ग्राम राजस्व ग्राम बनेंगे

November 26, 2020

  • मुख्यमंत्री ने उमरिया में जनजातीय गौरव सम्मान समारोह में किया ऐलान

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि प्रदेश में सभी वन गांवों को अब राजस्व ग्राम बनाया जाएगा। जिन वनवासियों को भूमि के पट्टे दिए गए है, उन्हें फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ भी दिया जायेगा। प्रदेश में जनजातियों का शोषण और लूट नहीं होने दी जायेगी। जिन अवैध साहूकारों ने जनजाति परिवारों को कर्जा दिया है और सम्पत्ति गिरवी रखी है, ऐसे सभी अवैध कर्जों को मप्र में माफ कर दिया गया है। ऐसे कर्ज की प्रदेश में वसूली नहीं की जा सकेगी। शहडोल संभाग में वनोपज और खनिज आधारित उद्योग लगाने के प्रयास किए जायेगें। मध्यप्रदेश में 32 प्रकार के वनोपजों का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री उमरिया में जनजातीय गौरव सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति की रक्षा और अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ शोषण, धर्मान्तरण को रोकने और हमारी संस्कृति को बचाने के लिए निरन्तर संघर्ष किया। उन्होंने जनजातियों की पूजा-पाठ की पद्धतियों, जीवन मूल्यों और संस्कृति की रक्षा और आजादी के लिए निरंतर कार्य किया। नशाखोरी जैसी समाजिक बुराईयों को समाप्त करने के लिए निरन्तर प्रयास किए। वे गद्दारों के कारण अंग्रेजों द्वारा पकड़े गए तथा उनके ऊपर घनघोर अत्याचार किए गए। 25 वर्ष की अल्प आयु में ही इस धरती को छोड़कर चले गए। उनके जन्मदिवस पर हर वर्ष मध्यप्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जायेगा। उनके आदर्शों पर चलते हुए देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज उमरिया जिले की ग्राम पंचायत डगडौआ में आयोजित जन-जातीय गौरव सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

प्रदेश में धर्मांतरण का कुचक्र तोड़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की मुख्य धारा देश की जनजातियां हैं। जनजाति परम्पराओं एवं संस्कृति को अक्षुण्य रखने के प्रयास किए जायेंगे। कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश में हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक समरसता को तोडऩे का प्रयास कर रहे है। लोभ, लालच, भय और प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर लव-जेहाद नहीं होने देंगे।

पात्र आदिवासियों को काबिज भूमि पर मिलेंगे पट्टे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी पात्र आदिवासी भाई-बहनों को उनकी लंबे समय से काबिज जमीन पर पट्टा दिलाया जाएगा। किरनताल क्षेत्र में 20 वर्ष पहले स्थानीय पटवारी ने छल-कपट कर भोले-भाले बैगा आदिवासी भाइयों को फर्जी पट्टे वितरित कर दिए थे, उनकी फर्जी बही बना दी थी पर सरकारी रिकार्ड में जमीन उनके नाम दर्ज नहीं की थी। इस मामले में न केवल सभी दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, अपितु सभी पात्र बैगा भाई-बहनों को वैधानिक कार्रवाई पूर्ण कर शीघ्र ही उनकी काबिज भूमि के पट्टे दिए जाएंगे। गरीबों और आदिवासियों के साथ अन्याय बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उमरिया जिले के किरनताल क्षेत्र के औचक निरीक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने ग्राम में चौपाल लगाकर आदिवासियों की समस्या सुनी तथा उसका निराकरण किया।

जेल भी हो आया है पटवारी
चौहान को गांववासियों ने बताया कि वर्ष 1999-2000 में वहां के पटवारी ने आदिवासी 21 भाइयों से पैसे लेकर उनके फर्जी पट्टे बना दिए और भूमि रिकार्ड में दर्ज नहीं की। इस मामले में पटवारी जेल भी हो आया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मामले की विस्तृत जाँच करने के निर्देश दिए। गांव में लगभग 75 ऐसे आदिवासी हैं जो कि लंबे समय से शासकीय भूमि पर काबिज़ हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम में सोमवार को शासकीय शिविर लगाया जाए, जिसमें एक-एक आदिवासी की समस्या सुनी जाए व उसका निराकरण किया जाए।

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