भोपाल। देश में इस बार रिकॉर्ड क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई है तो वहीं गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना भी विशेषज्ञों ने जताई है। इस साल 11.20 करोड़ टन से अधिक गेहूं का उत्पादन हो सकता है। वहीं मप्र में किसानों का गेंहूं की खेती से मोहभंग हो गया है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि इस साल मध्यप्रदेश में गेहूं का रकबा अप्रत्याशित रूप से घटा है। इस रबी सीजन में गेहूं का रकबा लगभग चार लाख 15 हजार हेक्टेयर कम हुआ है।
गौरतलब है कि मप्र को कृषि कर्मण अवार्ड दिलाने में गेहंू के उत्पादन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन इस बार प्रदेश के किसानों में गेहूं की खेती पर अधिक जोर नहीं दिया है। हालांकि रबी फसलों के जो मौजूदा आंकड़े सामने आ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार, किसान, कारोबारी, आमजन सभी को राहत दी है। केंद्र सरकार इसलिए खुश है कि बंपर उत्पादन से देश में घरेलू खपत का संकट नहीं होगा। वहीं, अच्छे उत्पादन से किसानों की इनकम बढ़ जाएगी। आमजन को सस्ती दरों पर आटा मिलेगा तो कारोबारी भी अधिक गेहूं बेचकर अच्छी आय कमा सकेंगे। लिहाजा गेहूं उत्पादन के लिहाज से ये साल सभी के लिए अच्छा होना वाला है। इस बार राजस्थान में 2.52 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट 1.03 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश 93 हजार हेक्टेयर, बिहार 94 हजार, गुजरात 43 हजार हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ 47 हजार हेक्टेयर, जम्मू कश्मीर 9 हजार, असम में 3 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई है। विशेष बात यह है कि इन सभी राज्यों में गेहूं का रकबा बढ़ा है। केंद्र सरकार इन आंकड़ों से खुश है।
11.20 करोड़ हो सकता है उत्पादन
देश में इस बार 11.20 करोड़ टन गेहूं उत्पादन होने की उम्मीद है। पिछले साल के सापेक्ष इस साल देश में रबी फसलों का रकबा बढ़ गया है। देश में 720.68 लाख हेक्टेयर में फसल बोई गई है, जबकि वर्ष 2021-22 में इसी पीरियड में रबी फसलों का रकबा 697.98 लाख हेक्टेयर था। आंकड़ों को ही देखें तो पिछले साल और साल में करीब 23 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की ग्रोथ दर्ज की गई है। बुवाई में ये वृद्धि 3.25 प्रतिशत है। गेहूं उत्पादन के मामले में भारत विश्व के अग्रणी देशों में हैं। पिछले साल भी भारत ने गेहूं उत्पादन में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। गेहूं का उत्पादन 10.95 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। लेकिन इस बार जो गेहूं उत्पादन की स्थिति दिख रही है। उसमें उत्पादन का पिछला सारा रिकॉर्ड ध्वस्त होता दिख रहा है। इस बार गेहूं का उत्पादन 11 करोड़ टन के पार जा सकता है।
यहां घट गया गेहूं का एरिया
केंद्र सरकार की ओर से जो आंकड़ें सामने आए हैं। उनके अनुसार, पिछले साल गेहूं 341.84 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई थी। लेकिन लू चलने के कारण इसके उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं सरकार इस साल रिकॉर्ड बुवाई की उम्मीद जता रही थी। बुवाई के आंकड़ों को देखें तो केंद्र सरकार की उम्मीदों को पंख लगे हैं। इस बार 343.23 लाख हेक्टेयर हो चुकी है। देश में करीब 1.39 लाख हेक्टेयर बुवाई का रकबा बढ़ गया है। ऐसा नहीं है कि सभी राज्यों में गेहूं बुवाई का क्षेत्र बढ़ा है। देश में काफी ऐसे भी राज्य हैं, जहां गेहूं का रकबा बहुत तेजी से घटा है। जिन राज्यों में घटत दर्ज की गई है। उनमें मध्य प्रदेश में 4.15 लाख हेक्टेयर, झारखंड 31 हजार, पंजाब 18 हजार, हरियाणा 11 हजार, हिमाचल 10 हजार, पश्चिम बंगाल 9 हजार, उत्तराखंड 2 हजार, कर्नाटक 2 हजार हेक्टेयर शामिल हैं। यहां पिछले साल गेहूं बुवाई का ग्राफ बढ़ा हुआ था।
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