भोपाल। सालों से घाटे में चल रही इंदौर, ग्वालियर और रीवा स्थित सरकारी प्रेस को बंद करने की तैयारी में है। राजस्व विभाग ने इससे जुड़ा प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही सरकार अब चिडिय़ाघरों, टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और सेंक्चुरी में प्रवेश शुल्क से एकत्रित होने वाली राशि को भी अपने खाते में रखना चाहती है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव दिया है कि इस राशि को विकास निधि में रखा जाए। इस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। प्रवेश शुल्क से सालाना 25 से 30 करोड़ रुपए ही एकत्रित होते हैं। कोविड ईयर के कारण इस बार 15 करोड़ भी एकत्रित नहीं हुए। वन विभाग ने इस राशि के उपयोग के लिए खुद विकास निधि बना रखी है। हर सेंक्चुरी, नेशनल पार्क का अलग खाता है, जिसमें यह पैसा एकत्रित होता है। फिर इसी पैसे के खर्च का प्रस्ताव तैयार होता है, जिसे राज्य स्तर पर गठित कमेटी मंजूर करती है। कैबिनेट में 25 प्रस्ताव चर्चा के रखे गए। जिसमें मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा 800 करोड़ के लोन पर राज्य सरकार की गारंटी, पशुपालन विभाग में डेयरी को भी जोडऩा, मप्र नर्सिंग शिक्षण संस्था की मान्यता से जुड़े नियमों में संशोधन आदि शामिल हैं।
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