मुंबई । ऑल इंडिया रेडियो के मशहूर अनाउंसर (All India Radio’s Famous Announcer) अमीन सयानी (Amin Sayani) नहीं रहे (Is No More) । अमीन का आज बुधवार (21 फरवरी) को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 91 साल के थे। सोशल मीडिया पर उन्हें चाहने वाले भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अमीन के बेटे राजिल ने पिता के देहांत की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार रात को उनके हार्ट अटैक आया था। परिजनों ने उन्हें दक्षिण मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली।
डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। गुरुवार को मुंबई में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अमीन को हाई ब्लड प्रेशर और उम्र से जुड़ी अन्य बीमारियां थीं। पिछले 12 साल से उन्हें पीठ दर्द की भी शिकायत थी। वह चलने के लिए वॉकर का इस्तेमाल किया करते थे।
बता दें कि अमीन का जन्म साहित्य की दुनिया से जुड़े परिवार में हुआ था। उनकी मां ‘रहबर’ नामक अखबार निकालती थीं। उनके भाई हामिद सयानी भी रेडियो अनाउंसर थे। अमीन ने साल 1952 में रेडियो सीलोन से अपना करिअर शुरू किया था। वे रेडियो के सबसे बुजुर्ग अनाउंसरों में थे। उन्होंने अपना करिअर अंग्रेजी भाषा के प्रसारक के रूप में शुरू किया और भारत की आजादी के बाद हिंदी में ट्रांसफर हो गए।
21 दिसंबर 1932 को जन्मे अमीन सयानी रेडियो की दुनिया के सबसे ज्यादा चमकते सितारों में से एक थे। उन्होंने रेडियो को घर-घर में लोकप्रिय बनाने में बड़ा योगदान दिया। ‘गीतमाला’ उनके सर्वाधिक पॉपुलर कार्यक्रमों में शामिल है। पहले रेडियो सिलोन और फिर विविध भारती पर करीब 42 सालों तक चलने वाले हिंदी गीतों के उनके कार्यक्रम ‘गीतमाला’ ने सफलता के सभी रिकॉर्ड तोड़े दिए थे। उन्होंने रिकॉर्ड 54 हजार रेडियो कार्यक्रम तैयार किए और 19 हजार से अधिक विज्ञापनों और जिंगल को आवाज दी।
आलम यह था कि लोग हर हफ्ते उन्हें सुनने के लिए बेसब्री से इंतजार किया करते थे। खनकती और मधुर आवाज तथा आकर्षक अंदाज के चलते हर कोई उन्हें सुनने के लिए बेकरार रहता था। अमीन का ‘बहनों और भाइयों’ के साथ श्रोताओं को संबोधित करने का तरीका आज भी उतना ही ताजा है। अमीन रेडियो की दुनिया में बादशाह बनकर रहे। उनकी आवाज का जादू सुनने वाले को मंत्रमुग्ध कर देता था, जो अब सिर्फ यादों में रहेगी।
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