नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि देश में (In the Country) सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी (All-Inclusive and All-Round) विकास (Development) हो रहा है (Is Taking Place) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी लोक सभा चुनाव में इशारों-इशारों में जीतने का दावा करते हुए कहा है कि जब चुनाव का समय निकट होता है तब आमतौर पर पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है। हम भी उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद आपके समक्ष लेकर आएंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार कुछ दिशानिर्देश की बातों को लेकर देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण हम सबके सामने कल अपना बजट (अंतरिम बजट) पेश करने वाली हैं। भाजपा के लगातार तीसरी बार भी जीतने की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करता हुआ आगे बढ़ रहा है, सर्वस्पर्शी विकास हो रहा है, सर्वांगीण विकास हो रहा है, सर्वसमावेशी विकास हो रहा है। ये यात्रा जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निरंतर बनी रहेगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत और समापन दोनों ही ‘राम-राम’ के अभिवादन के साथ किया।
प्रधानमंत्री ने सदन में हंगामा करने वाले सांसदों को भी कड़ी नसीहत देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में जिसको जो रास्ता सूझा, उस प्रकार से सबने संसद में अपना-अपना कार्य किया, लेकिन वे इतना जरूर कहेंगे कि जिनका आदतन हुड़दंग करने का स्वभाव बन गया है, जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं, ऐसे सभी सांसद आज जब आखिरी सत्र में मिल रहे हैं तो ये जरूर आत्मनिरीक्षण करेंगे कि 10 साल में उन्होंने जो किया, वो क्यों किया ? उनके संसदीय क्षेत्र में भी किसी को याद नहीं होगा कि उन्होंने इतना हुड़दंग मचाया।
पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान लोक सभा के इस आखिरी बजट सत्र में ऐसे सांसद चिंतन और पश्चाताप जरूर करेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। उन्होंने कहा कि हुड़दंग करने की बजाय जिन्होंने उत्तम विचारों से सदन को लाभान्वित किया होता, भले ही उन्होंने सरकार का तीखा विरोध किया हो लेकिन उनको आज भी बहुत बड़ा वर्ग याद करता होगा। आने वाले दिनों में भी जब सदन की चर्चाएं कोई देखेगा, तो उनका एक एक शब्द इतिहास की तवारीफ बनकर उजागर होगा। उन्होंने हंगामा करने वाले सांसदों को अपना व्यवहार सुधारने की नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे सभी माननीय सांसद सुनिश्चित करें कि वे सदन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, सदन को सर्वोत्तम विचार दें, देश को उत्साह से भर दें। उन्होंने कहा कि सांसदों को यह अवसर अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहिए।
नारी शक्ति के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस नए संसद भवन में जो पहला सत्र हुआ था, उसके आखिर में इस संसद ने एक बहुत ही गरिमापूर्ण फैसला लिया था। वो फैसला था ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम’। 26 जनवरी को भी हमने देखा कि किस प्रकार देश ने कर्तव्य पथ पर नारीशक्ति के शौर्य, सामर्थ्य और नारीशक्ति के संकल्प की शक्ति का अनुभव किया। आज बजट सत्र के आरंभ होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मार्गदर्शन और कल निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट प्रस्तुत किया जाएगा। ये एक प्रकार से नारीशक्ति के साक्षात्कार का पर्व है।
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