उज्जैन। प्रदेश सरकार की ओर से उज्जैन सहित प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों का अब डिजिटलीकरण होगा। ग्रामीण स्तर पर भी ई-पंचायत की व्यवस्थाएँ की जाएंगी। इसके लिए सभी सीईओ को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। ई-पंचायतों की स्थापना के लिए सभी बुनियादी व्यवस्थाओं की आपूर्ति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। सभी पंचायतों में एनआईसी और बीएसएनएल प्रणाली की प्रभावशीलता का आंकलन किया जाए, जहाँ उक्त प्रणाली प्रभावी न हो वहाँ वैकल्पिक व्यवस्था की कार्य नीति तैयार कर लें। इसी के साथ ही पंचायतों में कंप्यूटर सिस्टम की उपलब्धता का भी आंकलन किया जाए। उक्त निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभाग की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में दिए। प्रहलाद पटेल ने प्रदेश के सभी जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से विभिन्न विषयों पर चर्चा कर दिशा-निर्देश दिए कि आगामी समीक्षा बैठकों में सभी जिला पंचायत सीईओ जो भी विशेष प्रयास ग्रामीण विकास के लिए कर रहे हैं, उनका प्रजेंटेशन अनिवार्य रूप से दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में सुचारु क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जिले को एक प्रभावी माडल तैयार करने का प्रयास करना चाहिए। प्रहलाद पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण का उद्देश्य पंचायतों की कार्य प्रणाली में सुधार लाना और उन्हें अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाना है। अधिकारियों को ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए गए थे। प्रहलाद पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किए गए पौधारोपण और जीर्णोद्धार कार्यों की समीक्षा में कहा कि रोपे गए पौधों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ की रहेगी।्र
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