नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को अगले पांच सालों में चरणबद्ध तरीके से जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों से बदल दिया जाएगा. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जा रही है. अगले 5 साल में सरकारी विभाग सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेगा और चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ाए जाएंगे.
नरेश चौहान ने कहा, “हम पर्यावरण को संरक्षित करेंगे और ऊर्जा की भी बचत करेंगे. हमारी सरकार ने अगले पांच वर्षों के दौरान सभी सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जाने का फैसला किया है. अब से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाएंगे और चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.”
नए मुख्यमंत्री ने भी किया था ऐलान
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने तेजी से ग्रीन फ्यूल को अपनाने का फैसला किया है. वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सुक्खू ने कहा कि राज्य में वाहनों की बढ़ती आवाजाही के बीच सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का फैसला किया है.
तेजी से बढ़ रही EV की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों की सुविधा के लिए रणनीतिक रूप से पहचाने गए गंतव्यों पर सबसे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे समाज कल्याण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तेजी से काम करें. हाल ही में बैन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 2030 तक 40-45 प्रतिशत ईवी टू-व्हीलर और 15-20 प्रतिशत संख्या इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर की होने की उम्मीद है.
185 प्रतिशत बढ़कर EV की बिक्री
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अक्टूबर में सालाना आधार पर करीब 185 प्रतिशत बढ़कर 1,11,971 इकाई रही. इसमें यात्री वाहनों की बिक्री शामिल है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फाडा) ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 39,329 इकाई रही थी. कुल इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की बिक्री पिछले महीने में 178 प्रतिशत उछलकर 3,745 इकाई रही जो एक साल पहले इसी महीने में 1,346 इकाई थी.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved