जयपुर. राजस्थान में कोई भी विदेशी नागरिक (Foreign National) अब गहलोत सरकार की नजरों से ओझल नहीं हो पाएगा. राज्य में 1 जनवरी 2011 से अवैध रूप से रह रहे सभी विदेशी नागरिक राज्य की जांच एजेंसियों के रडार (Radar) पर होंगे. गहलोत सरकार ने प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की खोज के लिए एक राज्यस्तरीय कमेटी का गठन किया है.
गृह विभाग के शासन सचिव की अध्यक्षता में इस राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की खोज करेगी. राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के निर्देश पर कमेटी गठित की है. समिति का प्रशासनिक विभाग गृह ग्रुप-4 होगा.
गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री अभय कुमार के हस्ताक्षर से जारी यह आदेश सभी जिलों के एसपी और रेंज आईजी को भेजे गए हैं. कमेटी में एफएफआरओ नई दिल्ली, एडीजी इंटेलिजेंस, सभी रेंज आईजी और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक बतौर सदस्य शामिल किया गया है. ये सभी अधिकारी अपने-अपने जिलों में रह रहे विदेशी नागरिकों का पता लगाएंगे. विशेषकर ऐसे नागरिकों की खोज करेंगे जो वीजा लेकर राजस्थान आए लेकिन गए नहीं. ये नागरिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं.
इससे पहले भी गहलोत सरकार ने एक अन्य राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने पासपोर्ट वीजा लेकर प्रदेश में आए ऐसे लोगों का पता लगाया जो वापस गए ही नहीं और यहीं पर लापता हो गए. राज्य सरकार ने लापता हुए 680 लोगों में से 520 लोगों का पता लगा लिया है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इसकी जानकारी भी दे दी है.
लापता हुए इन लोगों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार के नागरिक शामिल हैं. इन नागरिकों में अधिकतर पाक विस्थापित शामिल हैं जो पाकिस्तान की प्रताड़ना से परेशान होकर अपने वतन आ गए. अब राज्य सरकार सभी विदेशी नागरिकों की निगरानी रखेगी ताकि ये लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं बनें.
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