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    सारी खुदाई एक तरफ जोरु का भाई एक तरफ

  • December 20, 2022

    • पत्नी-साले-जीजा का करोडों का लाकडाउन बैंक स्कैम
    • बैंक मैनेजर जीजा ने साले के भी अकाउंट में डलवाए थे हितग्राहियों के पैसे

    जबलपुर। जबलपुर स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया विजय नगर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमलकुमार मिश्रा ने ओएमपी एसोसिएट के संचालक सचिन पटेल के साथ मिलकर 1 करोड़ 70 लाख 80 हजार रुपए का गबन किया। दोनों ने 21 हितग्राहियों के नाम पर लोन स्वीकृत करके ओएमपी एसोसिएट के सचिन सहित अन्य लोगों के खातों में ट्रांसफर कर हड़पी। इस मामले की शिकायत मिलने पर जबलपुर ईओडब्ल्यू डीएसपी मंजीत सिंह ने जांच कर प्रकरण दर्ज किया था। मामले को प्रारंभ से ही अग्निबाण बड़ी प्रमुखता से अपने पाठकों के समक्ष प्रमुख रूप से उठा रहा है। अग्निबाण की तफ्तीश में अन्य बात सामने आई है जिसमें कि मैनेजर कमल मिश्रा ने कुछ पैसे अपने साले प्रियम तिवारी के अकाउंट में भी डलवाए थे। मामला संदिग्ध होने के बाद जब पूर्ण रूप से डीएसपी मनजीत सिंह ने मामले की जांच की तो यह बात प्रमुखता से सामने आई कि हितग्राहियों के नाम पर लिए हुए 14 लाख का लोन के पैसे का कुछ हिस्सा बैंक मैनेजर कमल कुमार मिश्रा ने अपने साले प्रियम तिवारी के अकाउंट में डलवाए हैं।

    फरवरी में भोपाल में लगी साले प्रियम की सरकारी नौकरी
    सूत्रों के अनुसार कोरोना काल में लोन घोटाले को बैंक मैनेजर द्वारा अंजाम दिया गया था। इसमें गरीब तबके के नाम से बैंक मैनेजर द्वारा लोन लिया गया था। 14 लाख के लोन में 6 लाख बैंक मैनेजर ने अपने साले के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। फरवरी में ही साले प्रियम तिवारी की सरकारी नौकरी भोपाल में लगी है। पुलिस ने जब मामले की छानबीन के लिए प्रियम तिवारी को बयान के लिए बुलवाया तो प्रियम तिवारी ने इस बात को स्वीकार किया कि उसके अकाउंट में पैसे डलवाए गए थे।


    मजदूरों के नाम पर निकाले गए लोन
    पुलिस के अनुसार जितेंद्र सिंह, नरेश अग्रवाल, हेमलता यादव, कनक श्रीवास, मायाबाई वंशकार, शैफाली मसीह जैसे 21 हितग्राही हैं, जिन्होंने पुलिस को यह शिकायत दी है। इनमें से कुछ लोग मजदूर हैं तो कुछ अगरबत्ती बनाने जैसा कार्य करते हैं तथा कुछ एक दो लोग ज्वेलरी की दुकान में भी कार्यरत हैं।

    किरायानामा तक बना डाला फर्जी
    बड़ी ही होशियारी से कोरोना के लॉकडाउन में जब सभी लोग घरों में बंद थे तब बैंक में कर्मचारी कार्यरत थे सचिन पटेल ओएमपी एसोसिएशयट नाम का दलाल जो बैंक मैनेजर का बड़ा खास हुआ करता था। इसी प्रकार के छोटी मोटी दलाली का काम करता था। उसकी मुलाकात पहले से बैंक मैनेजर से थी। दोनों ने मिलकर इस प्रकार का एक षड्यंत्र रचा जिसमें की टर्म लोन दिलाने के नाम पर दुकानों का फर्जी बिल और फर्जी किरायानामा तैयार किया और इसी लॉकडाउन के पीरियड में पैसे अंदर कर लिए। धीरे-धीरे जब लोन ना चुकाने की मियाद पर बैंक द्वारा इन हितग्राहियों को नोटिस भेजा। तब लोग हक्के-बक्के रह गए धीरे शिकायतकर्ता बाहर आने लगे।



    पत्नी के भी अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं पैसे
    अभी तक 21 हितग्राहियों के बारे में पता चला है, ऐसे और भी कई हितग्राही है जिनके नाम पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक कमल कुमार मिश्रा व सचिन पटेल प्रोप्राइटर ओएमपी एसोसिएट्स ने मिलकर 10 से 25 लाख रुपए का लोन स्वीकृत किया। इसके बाद लोन की उक्त राशि का गबन किया है। राशि और भी अधिक होने की संभावना है जिसके संबंध में जांच की जा रही है। साले के अलावा आधा पैसा आरोपी बैंक मैनेजर कमल कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर किए थे । बैंक मैनेजर के साले के साथ कहीं न कहीं उसकी पत्नी भी मामले में आरोपी है।

    मामले की जांच लगातार जारी है। बैंक मैनेजर का साला भी इस अपराध में शामिल है। साले के भी अकाउंट में बैंक मेनेजर ने पैसे ट्रांसफर किए हैं। अभी 21 हितग्राहियों के नाम सामने आए हैं अन्य को भी ढूंढा जा रहा है, जिनके साथ ठगी की गई है।
    मंजीत सिंह, डीएसपी लोकायुक्त

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