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    मप्र में कांग्रेस के सभी गुट खत्म, कमलनाथ का एक छत्र राज

  • October 06, 2020

    • उपचुनाव में नजर नहीं आई गुटबाजी

    भोपाल। प्रदेश में खेमों में बंटी रहने वाली कांग्रेस में इन दिनों गुटबाजी नजर नहीं आ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस की कमान पूरी तरह से कमलनाथ के हाथ में है। दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज नेताओं का अब पहले जैसा दखल नहीं रहा है। उपचुनाव वाली सीटों पर टिकट का चयन भी कमलनाथ अपनी मर्जी से कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में किस नेता को कहां जाना है, यह भी कमलनाथ ने तय किया है। फिलहाल कांग्रेस के सभी नेताओं पर भाजपा से ज्यादा ज्योतिरादित्य सिंधिया निशाने पर हैं। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब कांग्रेस सिंधिया, कमलनाथ, दिग्विजय, पचौरी और अरुण यादव गुट में बंटी थी। कमलनाथ के मंत्रिमंडल में भी सभी गुटों के विधायक शामिल थे। सरकार गिरने के बाद कांग्रेस की हालत बेहद चिंताजनक हो गई साथ ही गुट भी खत्म से हो गए। मौजूदा हालात में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही उपचुनाव को लेकर सक्रिय है। खबर है कि कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को भी उपचुनाव में सीमित कर दिया है। अरुण यादव भी अब कमलनाथ के साथ हो गए हैं। अभी तक कांग्रेस में कोई भी नेता किसी के नाम पर वोट नहीं मांगते थे, लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस के सभी नेता कमलनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं। 2018 के उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे। तब पार्टी ने किसी भी नेता को सीएम प्रत्याशी घोषित नहीं किया था। न ही किसी नेता ने चुनाव में किसी एक चेहरे के नाम पर वोट मांगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके समर्थकों ने जरूर ग्वालियर-चंबल में यह कहकर वोट मांगे थे कि कांग्रेस सत्ता में आई तो सिंधिया मुख्यमंत्री बनेंगे, हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ को सीएम बनाया था। अब उपचुनाव में मप्र की पूरी कांगे्रस कमलनाथ के नाम पर वोट मांग रही है। कमलनाथ के करीबी नेता एनपी प्रजापति और सज्जन सिंह वर्मा है। प्रजापति सुरेश पचौरी को भी साधे हुए हैं। जबकि सज्जन सिंह वर्मा पूर्व मंत्री डॉ गोविंद के जरिए दिग्विजय सिंह से भी निकटता बनाए हुए हैं।

    दिग्विजय पर भारी पड़े उमंग
    पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री उमंग सिंगार का विवाद नया नहीं है। कांग्रेस सरकार में भी दोनों का विवाद खुलकर सामने आ चुका है। उपचुनाव में धार जिले की बदनावर सीट से पहले दिग्विजय समर्थक अभिषेक सिंह को प्रत्याशी घोषित किया था। सिंगार के विरोध के बाद पार्टी अब कमल पटेल को प्रत्याशी घोषित करने जा रही है।

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    जीवाजी यूनिवर्सिटी में प्राध्यापकों की भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच के आदेश

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