नई दिल्ली। तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद इस सप्ताह पहली बार थल सेना के सभी कमांडर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में होंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि 23 और 24 दिसंबर को होने वाले इस कार्यक्रम में वर्तमान परिदृश्य में चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। इस दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका और 12 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। इसके बाद अब पहली बार सभी सेना कमांडर 23-24 दिसंबर को हो रही इस बैठक में जुटेंगे और चीन व पाकिस्तान के साथ सीमा पर सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करेंगे।
एलएसी की सुरक्षा स्थिति पर रहेगा विशेष ध्यान
सूत्रों ने बताया कि इस दौरान सभी कमांडरों को सुरक्षा स्थितियों के बारे में जानकारी भी दी जाएगी। इसमें विशेष तौर पर ध्यान चीन के साथ सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर रहेगा। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के सामने भीषण ठंड के बावजूद चीन ने हाल के दिनों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। इस दौरान सेना में सुधारों पर विचार-विमर्श भी हो सकता है।
अगले सीडीएस की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू
अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक चीन के साथ देश की सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना की पूर्वी, मध्य और उत्तरी कमांड के पास है। चीन के साथ सीमा के सबसे बड़े हिस्से की सुरक्षा पूर्वी सेना कमांड संभालती है। सीडीएस रावत के निधन के बाद केंद्र सरकार उनके उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया में है और इसके लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से कदम उठाया जा चुका है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved