चंडीगढ़ । पंजाब में सत्ता परिवर्तन (change of power in punjab) के बाद दूसरे दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने की प्रथा बहुत पुरानी है। अमरिंदर सरकार (Amarinder Sarkar) के समय शुरू हुई यह परंपरा आम आदमी पार्टी सरकार (aam aadmi party government) में भी जारी है। फर्क केवल इतना है कि इस बार निशाने पर अकाली दल या कांग्रेस नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी है। ताजा मामला कवि एवं प्रो. कुमार विश्वास से संबंधित है, जिनके खिलाफ रोपड़ में मामला दर्ज किया गया है। यहां तक कि अलका लांबा का भी इसमें नाम हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भड़काऊ बयानों को लेकर दर्ज एक मामले के सिलसिले में पंजाब पुलिस बुधवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व नेताओं कुमार विश्वास और अलका लांबा के घर पर पहुंची। दोनों नेताओं को पूछताछ के लिए 26 अप्रैल को तलब किया गया है। अलका लांबा इन दिनों में कांग्रेस में हैं। उन्होंने कहा है कि वह पंजाब जरूर जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं डरने वाली नहीं हूं।’
पंजाब में एफआईआर की राजनीति वर्ष 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में शुरू हुई थी जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें जेल भेजा गया था। उसके बाद पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद दूसरे दलों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए।
हालिया चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान व अरविंद केजरीवाल ने पंजाब से परचा पॉलिटिक्स को समाप्त करने का ऐलान किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद फिर से यह सिलसिला शुरू हो गया है। पंजाब के रूपनगर की पुलिस ने गत दिवस कुमार विश्वास के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले दिल्ली से भाजपा के प्रवक्ता तजिन्दर बग्गा खिलाफ पटियाला थाने में एफआईआर की गई है। इसी प्रकार भाजपा नेत्री प्रीति गांधी के खिलाफ भी मोहाली में मामला दर्ज किया जा चुका है।
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