नई दिल्ली (New Dehli) । पिछले 15 दिनों से दुनियाभर में कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट (variant) एरिस EG.5.1 को लेकर चर्चा हो रही है, शोधकर्ताओं (researchers) ने अध्ययन में इसे अधिक संक्रामकता (infectiousness) वाला बताते हुए सभी लोगों को संक्रमण से बचाव (rescue) को लेकर अलर्ट (Alert) किया है। भारत में भी इस वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है, वहीं यूके सहित कई देशों में इसके कारण पिछले दिनों तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा भी देखा गया है।
इस बीच शोधकर्ताओं की टीम ने एरिस के बाद कोरोना के एक और नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट किया है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के एक नए स्ट्रेन BA.2.86 के बारे में पता चला है। इज़राइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में इसके मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि यह कोरोना के अत्यधिक म्यूटेटेड वर्जन्स में से एक हो सकता है। सीडीसी विशेषज्ञों ने कहा, हम वायरस के इस नए स्ट्रेन की प्रकृति पर नजर रख रहे हैं। यह बिल्कुल नया वैरिएंट है यही कारण है कि अब तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके बारे में समझने के लिए शोध किए जा रहे हैं।
‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’
सीडीसी प्रवक्ता कैथलीन कॉनली कहती हैं, पहले की तुलना में अब हम कोरोना के नए वैरिएंट्स का पता लगाने के लिए अधिक तैयार हैं, हमें कोरोना के एक और नए वैरिएंट के बारे में पता चला है, इस वैरिएंट में अधिक म्यूटेशन देखे गए हैं, यानी की इससे संक्रामकता और जोखिम अधिक हो सकता है। इस खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यएचओ) ने इसे ‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
इससे पहले हाल ही में कई देशों में संक्रमण को तेजी से बढ़ाने वाले एरिस वैरिएंट की तुलना में इसमें म्यूटेशंस की संख्या अधिक बताई जा रही है।
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