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    एकेवीएन का नमकीन क्लस्टर फिलहाल तो सुपर फ्लॉप

  • September 26, 2021

    6 साल में सिर्फ 6 नमकीन उद्योग ही आए…बड़े नमकीन उद्योग वालों ने जमीनें तो खरीद लीं, मगर काम शुरू नहीं किया
    इंदौर ।  लगभग 200 प्रकार के नमकीन (Namkeen,) बनाने व 5 सालों में लगभग 100 करोड़ रुपए का नमकीन एक्सपोर्ट (Namkeen Export) करने का दावा करने वाले वाले नमकीन क्लस्टर (Namkeen Cluster) में 6 साल में सिर्फ 6 नमकीन उद्योग (Namkeen Industry) ही काम शुरू कर पाए। बाकी बड़े नमकीन निर्माताओं (Namkeen Manufacturers) ने जमीनें (Lands) लेकर इन्वेस्टमेन्ट (Investment)  तो कर दिया, मगर अभी तक कोई काम शुरू ही नहीं किया, लेकिन इनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की कीमतें जरूर बढ़ती जा रही हैं। फिलहाल तो नमकीन क्लस्टर (Namkeen Cluster) अभी तक सुपर फ्लॉप साबित होता नजर रहा है।
    सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र ( Saver Road Industrial Area) में रेशम कीड़ा केंद्र के पास इंदौर के नमकीन निर्माताओं व व्यापारियों के नमकीन उद्योगों व व्यवसाय बढ़ाने के लिए लगभग 9 साल पहले नमकीन क्लस्टर (Namkeen Cluster) बनाने की प्लानिंग की गई थी। इस नमकीन क्लस्टर (Namkeen Cluster) प्रोजेक्ट को पूरी तरह खड़ा करने में ही लगभग 4 साल लग गए। इसके बाद के सालों में यहां नमकीन उद्योग अभी तक घुटनों के बल ही चल रहा है। अब जांच का विषय है कि इसके पीछे संबंधित विभाग या उद्योगपतियों की सुस्ती है या कोरोना के साइड इफेक्ट।


    मध्यम-छोटे निर्माताओं को किराए की जगह
    ऐसा नहीं है कि यहां सिर्फ बड़े उद्योगों के लिए जगह या व्यवसाय के अवसर हैं, बल्कि हर वर्ग के नमकीन निर्माण व व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए इस क्लस्टर को बनाया गया है। यहां पर जहां बड़े उद्योगों के लिए बड़े प्लाट बनाए गए हैं, वहीं जी प्लस 3 की 2 बिल्डिंग बनाई गई हैं। सिर्फ 10 हजार रुपए महीने किराए पर जगह लेकर व्यवसाय शुरू किया जा सकता है। अभी 6 किराएदार यहां पर नमकीन सामग्री बनाकर व्यवसाय कर रहे हैं।
    यह सपने देखे व दिखाए गए थे
    उस समय नमकीन निर्माता व व्यापारियों सहित अधिकारियों का दावा था कि शहर में लगभग 500 करोड़ रुपए का नमकीन निर्माण व व्यापार होता है। इसके अलावा लगभग 30 करोड़ रुपए के नमकीन एक्सपोर्ट कर विदेशों में बेचे जाते हैं। यदि नमकीन क्लस्टर (Namkeen Cluster) बनाया जाता है तो क्लस्टर बनने के बाद 5 सालों में, यानी साल 2020 तक सालाना नमकीन उद्योग लगभग 1 हजार करोड़ रुपए का हो जाएगा। वहीं इसका एक्सपोर्ट बिजनेस 100 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
    देश का पहला नमकीन क्लस्टर
    एकेवीएन बनाम एमपीआईडीसी यानी मप्र औद्योगिक विकास केंद्र प्रबंध संचालक कार्यालय के अनुसार यह देश का पहला ऐसा क्लस्टर है, जो अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के हिसाब बनाया गया है, क्योंकि यहां स्थानीय नमकीन व्यवसाय व उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा यहां के नमकीन विदेशों में भी एक्सपोर्ट किए जाने की प्लानिंग है।


    150 करोड़ का निवेश, 2000 को रोजगार का दावा
    बड़े नमकीन उद्योगों (Namkeen Industrys) के लिए यहां लगभग 15 एकड़ जमीन पर लगभग 33 प्लाट काटे गए हैं। अभी तक लगभग सभी प्लाट बिक चुके हैं, मगर 6 सालों में सिर्फ 6 प्लाटों पर ही काम शुरू हो पाया है। जब इस क्लस्टर की आधारशिला रखी गई थी, उस दौरान दावा किया गया था कि यहां शुरुआत में 150 करोड़ का निवेश होगा व इस उद्योग एवं व्यवसाय से जुड़े लगभग 2000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा, मगर अभी तक तो सब दावे दूर की कौड़ी नजर आ रहे हैं।
    सभी प्लाट बिक चुके हैं
    यहां पर अभी तक महावीर, जैन नमकीन, धूलचंद फूलचंद, जयंत नमकीन, नंबर वन नमकीन, राजेश नमकीन उद्योगों ने काम शुरू कर दिया है। बाकी उद्योग भी जल्दी ही काम शुरू करने वाले हंै।
    कोरोना के कारण 2 साल पीछे चले गए
    इस मामले में मध्यप्रदेश औद्योगिक केंद्र विकास निगम के अधिकारियों व नमकीन व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के चलते पिछले 2 सालों में नमकीन क्लस्टर (Namkeen Cluster) व नमकीन उद्योग बहुत पिछड़ गया है। अगर आगे सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में सब ठीक हो जाएगा।

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