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    Akshaya Tritiya 2023 : साल 2023 में कब है अक्षय तृतीया? यहां जानें तिथि, मुहूर्त व पूजा विधि

  • April 09, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदू पंचांग (hindu almanac) के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों में अक्षय तृतीय को युगादि तिथि कहा गया है। इस दिन से कई युगों का आरंभ हुआ है और भगवान वष्णिु (Lord Vishnu) के कई अवतार भी हुए हैं। इस दिन सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ हुआ है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम (Lord Parshuram) का भी अवतार हुआ है। इसलिए अक्षय तृतीया का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व (Importance) है। इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल को है। इस बार अक्षय तृतीया बेहद खास मानी जा रही है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया (Third day of Akshaya) पूजन विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त-

    बनेंगे ये 6 शुभ संयोग
    त्रिपुष्कर योग: सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक त्रिपुष्कर योग रहेगा।

    आयुष्मान योग: इस दिन सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक आयुष्मान योग रहने वाला है।

    सौभाग्य योग: प्रात: 09:36 बजे से पूरी रात तक सौभाग्य योग शुभ फलदायी रहेगा।

    रवि योग: रात 11:24 बजे से आरंभ होकर 23 अप्रैल सुबह 05:48 बजे तक रवि योग रहेगा।

    सर्वार्थ सिद्धि योग: बता दें कि इस दिन रात 11 बजकर 24 मिनट से आरंभ होकर 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।


    अमृत सिद्धि योग: रात 11:24 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तक होगा।

    पूजा विधि…
    इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
    स्नान करने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनें।
    इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
    देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
    इस पावन दिन माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा का विशेष महत्व होता है।
    भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) को भोग अवश्य लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है।
    भगवान की आरती करें।
    इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

    अक्षय तृतीया का महत्व
    अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। इस पावन दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
    इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
    धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के पावन दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
    अक्षय तृतीया के दिन पितृ संबंधित कार्य करना भी शुभ रहता है।
    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान- पुण्य करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है।
    अक्षय तृतीया के पावन दिन सोना खरीदने की परंपरा भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोने की खरीददारी करने से घर में सुख- समृद्धि आती है।

    अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त-
    तृतीया तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 22, 2023 को 07:49 ए एम बजे
    तृतीया तिथि समाप्त – अप्रैल 23, 2023 को 07:47 ए एम बजे

    नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.

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