लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में श्रीराम मंदिर का फैसला टालने की पैरवी करने वालों के पार्टनर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भगवान राम के मंदिर का निर्माण रास नहीं आ रहा है। इसीलिए करोड़ों लोगों की आस्था व सहभागिता को ‘चंदाजीवी’ बताकर सपा मुखिया रामभक्तों का अपमान करने पर तुल गए हैं।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जिनके शासन सत्ता की पहचान ‘‘पकड़’’ और ‘‘गुण्डा टैक्स’’ की वसूली की ही रही हो, उन्हें सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और जनभावना में ‘चंदा’ दिख रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को समाज के सभी वर्गो ने स्वीकार किया, लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति के सहारे चलने वाले सपा प्रमुख जान बूझकर सच्चाई को स्वीकार करना नहीं चाहते और और वे वोटबैंक की लालच में वर्ग विशेष को गुमराह कर तुष्टीकरण की नीति पर ही आगे बढ़ना चाह रहे है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव का मकसद सिर्फ नफरत व भ्रम फैलाकर वोटबैंक हथियाना है, पर वो शायद यह भूल गये है कि तुष्टिकरण व बहकावे की राजनीति का दौर जनता अब खत्म कर चुकी है। अब विकास व सुशासन की राजनीति का समय है जिससे अखिलेश का दूर दूर तक नाता नहीं है।
श्री सिंह ने कहा कि अपने कुशासन के कारण सत्ता गवा बैठे लोग बंद कमरों में बैठक कर जमीनी हकीकत व सच्चाई से दूर हो चुके है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार व प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य की भाजपा सरकार ‘‘सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’’ की नीति पर कार्य करते हुए समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। जनता का विश्वास भाजपा पर बढ़ा है। इसी का परिणाम है कि पहले 2014 के लोकसभा चुनाव, फिर 2017 के विधान सभा चुनाव और फिर 2019 के आम चुनाव में जनता ने भाजपा को अपना अभूतपूर्व समर्थन देते हुए ऐसे दलों को करारा सबक सिखाया, जिन्होंने गांव, गरीब, किसान के हितों की अनदेखी करते हुए जाति, धर्म के लोगों को बांटकर राजनीति की और सत्ता हासिल की। (एजेंसी, हि.स.)
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