इटावा । देशभर में सुर्खियों में बने नेता जी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के नन्हे प्रसंशक नवरत्न यादव (Navratna Yadav) से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को सैफई में मुलाकात कर पढ़ने लिखने की सीख दी. दरअसल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का रहने वाला 10 साल का नवरत्न यादव नेता जी मुलायम सिंह यादव की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए अपने घर से निकला था, लेकिन कानपुर में राजकीय रेलवे पुलिस ने उसे पकड़ कर घर वापस भिजवा दिया था. इस बीच राजकीय रेलवे पुलिस ने नवरत्न यादव का एक वीडियो बना लिया, जो इन दिनों सुर्खियों में है. वीडियो के वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नवरत्न को मिलने के लिए बुलाया था.
महाराजगंज से नवरत्न को लेकर पूर्व विधायक मुन्ना सिंह पार्टी के कई समर्थकों के साथ सैफई पहुंचे, जहां अखिलेश यादव ने नवरत्न से मुलाकात की. अखिलेश ने नवरत्न से नेताजी के प्रति उसके प्रेम को लेकर बातचीत की. उसकी पढ़ाई का भरोसा तो दिया ही, साथ ही उसको अपने घर पर भोजन भी कराया. अखिलेश यादव से मिलने के बाद नवरत्न ने बताया कि उसे खुशी तो जरूर है, लेकिन नेताजी के जाने का गम भी सता रहा है.
2022 में सपा प्रत्याशी का कर चुका है प्रचार
पूर्व विधायक मुन्ना सिंह ने बताया कि जब वह नौतनवा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे थे, उस वक्त नवरत्न साइकिल के जरिए चुनाव प्रचार करने में जुटा हुआ था और जहां-जहां पर भी वह प्रचार करने के लिए जाते थे, वहां नवरत्न सबसे आगे दिखाई देता था. कई दफा नवरत्न को मना किया गया कि तुम अभी छोटे हो यह काम मत करो, लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं हुआ और समाजवादी पार्टी का झंडा अपनी साइकिल पर लगाकर चुनाव प्रचार में लगातार जुटा रहा.
पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने का वादा
नवरत्न नेताजी की अंत्येष्टि में पहुंचने का सपना पूरा न हो पाया हो, लेकिन वह शनिवार को सैफई जरूर पहुंच गए. नवरत्न यादव नेताजी के निधन की खबर सुनने के बाद घरवालों को बिना बताए ट्रेन से सैफई जाने के लिए निकल पड़ा था. रास्ता भटकने पर कानपुर जीआरपी के पास पहुंचे नवरत्न ने अपनी आपबीती बताई. तभी उसका वीडियो वायरल हो गया. उसकी भावनाओं का संज्ञान लेते हुए अखिलेश ने उसे सैफई बुलाया. शनिवार को सैफई पहुंचे नवरत्न से अखिलेश ने ढेर सारी बातें की. खाना खिलाया और कहा कि पहले पढ़-लिख लो फिर नेता बनना. अखिलेश ने उसकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने का भी वादा किया है.
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