लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 6.90 लाख करोड़ के बजट से हर क्षेत्र को साधने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष को उनका बजट रास नहीं आया. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जिस राज्य में बिजली महंगी हो वहां क्या उद्योग लगेंगे? अखिलेश यादव ने कहा कि आज यूपी में ‘इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ नहीं ‘इज ऑफ़ डूइंग क्राइम है’. उन्होंने कहा कि इस सरकार में एमएसएमई सेक्टर को बर्बाद कर दिया.
बजट पेश होने के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए बजट पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस बजट में कुछ भी नया नहीं है. पिछले बजट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार दावा करती है कि इन्वेस्टर्स आ रहे हैं. ये वही इन्वेस्टर्स हैं जो मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, और जहां भी समिट होती है जाते हैं. यूपी ऐसा क्या पैकेज दे रहे हैं जो वे यहां आएंगे. आज बिजली महंगी है तो कोई उद्योग क्यों लगाएगा. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस का राग अलापती है. लेकिन आज नए उद्योगों के लिए जल्दी NoC भी नहीं मिलती. यूपी में इज ऑफ़ डूइंग क्राइम है.
उधर मायावती भी योगी सरकार के बजट से नाखुश दिखीं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा “यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा. क्या इस अवास्तविक बजट से यहां की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए. यूपी भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर यहाँ महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों? यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी. बजट ऊँट के मुँह में जीरा”
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