नई दिल्ली: देश में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran consecration ceremony of Ram temple) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. निमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं और लोग अयोध्या (Ayodhya) पहुंचने की भी तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में कुछ नेता इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी कर रहे हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अबतक कह रहे थे कि उन्हें इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है. लेकिन आज विश्व हिंदू परिषद की ओर से सपा प्रमुख को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया.
ऐसे में अखिलेश ने उस निमंत्रण को नहीं स्वीकारा. दरअसल VHP की ओर से आलोक कुमार सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निमंत्रण देने गए थे. ऐसे में अखिलेश ने कहा कि हम इनको नहीं जानते. उन्होंने कहा कि जिन्हें हम जानते नहीं हैं, उन्हें निमंत्रण नहीं देते और न ही उनसे कोई निमंत्रण लेते हैं. इस पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि पहले वो कह रहे थे कि अगर बुलाएंगे तो हम जाएंगे. तो हमने उनको बुलाया है अब वो कह रहे हैं कि राम जी बुलाएंगे तो जाएंगे. अब देखते हैं कि राम जी खुद बुलाते हैं उनको या नहीं. अगर नहीं बुलाएंगे तो साफ हो जाएगा कि राम जी शायद नहीं बुलाना चाहते हैं.
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव कह चुके हैं, अगर ट्रस्ट उनको बुलाता है तो वो जाएंगे. इस पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा था कि प्रभु तो सबके हैं. ट्रस्ट बुलाए या न बुलाए, दर्शन तो हर वक्त कर सकते हैं. ट्रस्ट लोगों को आमंत्रित कर रहा है. मगर, किसी का नाम छूट जाए तो वो आएं और दर्शन करें, सबका स्वागत है.
आपको बताते चलें कि अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन 22 जनवरी को हो रहा है. प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जारी हैं. समारोह के लिए साधु-संतों समेत वीवीआईपी और वीआईपी मेहमानों को न्योता भेजा जा रहा है. इस दिन राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इस मौके पर रामलला के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचना चाहते हैं. हालांकि प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दिग्गज हस्तियों के शामिल होने के कारण यहां प्रोटोकॉल लागू होगा. इस दिन अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत होगी.
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