लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के आगे झुकना पड़ा है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की शर्त मान ली है और अब मऊ में होने वाली भागीदारी संकल्प मोर्चा रैली में समाजवादी पार्टी का झंडा नहीं लगाया जाएगा.
राजभर ने मऊ में होने वाली रैली को लेकर रखी ये शर्त
सपा और सुभासपा के बीच गठबंधन के ऐलान के बाद ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के तेवर एक बार फिर तल्ख हो गए हैं. 27 अक्टूबर को मऊ चंद्रपुर मैदान में होने वाली भागीदारी संकल्प मोर्चा रैली को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सामने बड़ी शर्त रखी थी. उन्होंने कहा था कि मऊ की जनसभा में समाजवादी पार्टी का एक भी झंडा ना लगाया जाए और ना ही मंच पर अखिलेश यादव के अलावा सपा का और कोई नेता मौजूद रहे. ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के सामने शर्त रख दिया कि मऊ में होने वाली जनसभा में सिर्फ सुभासपा का पीला झंडा रहेगा.
अखिलेश यादव ने मानी ओम प्रकाश राजभर की शर्त
अब अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की शर्त मान ली है और रैली में समाजवादी पार्टी का एक भी झंडा नहीं रहेगा. इसके साथ ही अखिलेश यादव के अलावा सपा का कोई भी नेता मंच साझा नहीं करेगा. यह रैली सुभासपा की है और इस शर्त के बाद अखिलेश यादव अब बैकफुट पर आते हुए दिख रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि मऊ में होने वाली जनसभा में कोई भी कार्यकर्ता ना जाए ना ही किसी तरह का कोई झंडा लगाया जाए.
सपा और सुभासपा मिलकर लड़ेगी चुनाव
बता दें कि यूपी विधान सभा चुनाव को लेकर सुभासपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुआ है और दोनों पार्टियां 2022 में मिलकर चुनाव लड़ेंगी. गठबंधन के बाद ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के केवल चार दिन बचे हैं. उन्होंने नारा दिया कि अबकी बार, भाजपा साफ.
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