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संसद में आज अखिलेश करेंगे सरकार का घेराव, फिर पीएम मोदी देंगे जवाब …

नई दिल्ली (New Delhi)। संसद सत्र (Parliament session) का मंगलवार को 7वां दिन है. लोकसभा (Lok Sabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण (President’s address) पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज शाम 4 बजे लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे. वे सुबह एनडीए संसदीय दल की बैठक में भी शामिल होंगे. लोकसभा में सुबह 11 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) का भाषण भी होगा. माना जा रहा है कि अखिलेश भी सरकार पर हमलावर रहेंगे और तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।


इससे पहले सोमवार को नेता विपक्ष राहुल गांधी (Leader of Opposition Rahul Gandhi) का लोकसभा में लंबा भाषण चला. राहुल की हिंदू धर्म पर टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया. वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव के दौरान विभाजनकारी भाषण देने का आरोप लगाया. दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस हुई. हालांकि, लोकसभा में राहुल की विवादित टिप्पणियों को हटा दिया गया है. सोमवार देर रात तक लोकसभा की कार्यवाही चली।

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगे. एनडीए संसदीय बैठक सुबह 9:30 बजे रखी गई है. पीएम मोदी आमतौर पर संसद सत्र के दौरान बीजेपी सांसदों की बैठकों को संबोधित करते आए हैं. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के सभी संसद सदस्यों को मंगलवार की बैठक के बारे में सूचित कर दिया गया है और इसमें हिस्सा लेने के लिए कहा गया है।

पीएम मोदी शाम 4 बजे लोकसभा में बोलेंगे
यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2014 के बाद पहली बार बीजेपी आम चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई है. सरकार के बने रहने के लिए बीजेपी अपने सहयोगियों पर निर्भर है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं हैं. वहीं उसके सहयोगियों ने 53 सीटें जीतीं हैं. 543 सदस्यीय सदन में एनडीए ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चल रही है. इसी को लेकर एनडीए की बैठक हो रही है. पीएम मोदी दोनों सदनों में चर्चा का जवाब देंगे. पीएम मोदी मंगलवार शाम 4 बजे लोकसभा में चर्चा का जवाब देंगे और विपक्ष के सवालों पर पलटवार करेंगे. सदन में मंगलवार शाम चर्चा समाप्त होने की संभावना है।

राहुल गांधी की स्पीच के बाद संसद की कार्यवाही से चार टिप्पणियां हटाई गईं हैं.
– अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय होता है.
– उद्योगपति अडानी और अंबानी पर टिप्पणी.
– कोटा में पूरी परीक्षा केंद्रीकृत है और अमीरों को फायदा पहुंचाती है.
– अग्निवीर योजना सेना की नहीं है, बल्कि पीएमओ की योजना है.

राहुल गांधी के लोकसभा में भाषण से विवाद…
संसद में सोमवार को विपक्ष के नेता के तौर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पहला भाषण दिया. राहुल ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि शिवजी कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत. राहुल ने इस्लाम से लेकर ईसाई धर्म और सिख धर्म तक का हवाला दिया. राहुल ने आगे कहा, मोदी जी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत. दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं- वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत. आप हिंदू हो ही नहीं. हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सच का साथ देना चाहिए. राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपत्ति जताई और कहा, ये विषय बहुत गंभीर है. हिंदू को हिंसक कहना गलत है।

राहुल के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. राहुल ने कहा, पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं. आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है. नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं है. हिंदू का मतलब आरएसएस-बीजेपी नहीं है. यहां सब हिंदू हैं. राहुल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच भी सोमवार को सदन के अंदर बहस हो गई. राहुल ने बिड़ला से सवाल किया कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो झुके क्यों हैं? राहुल गांधी ने कहा, जब आपने (स्पीकर ओम बिरला) मुझसे हाथ मिलाया तो मैंने कुछ नोटिस किया. जब आपने मुझसे हाथ मिलाया तो आप सीधे खड़े थे. लेकिन जब आपने मोदीजी से हाथ मिलाया तो आप उनके सामने झुक गए. राहुल के बयान पर विपक्षी गुट ने तालियां बजाईं, वहीं एनडीए सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई. गृह मंत्री अमित शाह ने खड़े होकर कहा कि यह आसन के खिलाफ आरोप है।

बिरला का कहना था कि प्रधानमंत्री सदन के नेता हैं और यह मेरी संस्कृति में है कि जब अपने बड़ों से मिलते हैं तो झुकते हैं और जो मेरी उम्र के हैं उनके साथ समान व्यवहार करते हैं. हालांकि, राहुल यहीं नहीं रुके और आगे कहा, मैं आपके विचारों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करता हूं, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि सदन में अध्यक्ष से बड़ा कोई नहीं है. सदन में अध्यक्ष सबसे ऊपर होता है और हम सभी को उसके सामने झुकना चाहिए।

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