नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि केंद्र की वर्चस्व राजनीति के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और इसे बचाने के लिए हमारे पास एक मजबूत टीम है, जिसमें अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी जैसे नेता शामिल हैं.
उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें ऐसा महसूस होता है जैसे हम स्वतंत्रता के लिए दूसरे लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि डीएमके इंडिया ब्लॉक में अपने सहयोगियों के साथ देश को उन लोगों से बचाने के लिए इस लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ रही है , जिन्हें वह स्पष्ट रूप से फासीवादी ताकतें मानते हैं.
एमके स्टालिन ने कहा, “मुख्यमंत्री के रूप में, चाहे वह आधिकारिक दौरे हों, सामुदायिक कार्यक्रम हों, या फिर सड़कों पर लोगों से मुलाकात हो, मैं युवाओं से बात करने का कोई मौका नहीं चूकता.” उन्होंने बताया कि जब वह डीएमके की यूथ विंग का नेतृत्व कर रहे था, तो वह अपनी पार्टी के सहयोगियों से कहते थे कि हर हाल में अपना काम पूरा करने की कोशिश करो.
‘जो ठान लिया है उसे पूरा करेंगे’
उन्होंने कहा, “मेरे मन में इस बात को लेकर कोई सवाल नहीं है कि हमने जो ठान लिया है उसे हम पूरा करेंगे. यह चुनाव हमारे लिए सिर्फ एक महत्वपूर्ण मोड़ नहीं है. यह भारतीय लोकतंत्र के लिए करो या मरो की लड़ाई है, लेकिन हमारे पास एक मजबूत टीम है. अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे जैसे नेता भी हमारे साथ हैं. हम समय की गंभीरता को देखते हुए इस लड़ाई में एकजुट हैं.”
केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दिसंबर 2023 में तमिलनाडु भारी बारिश और तूफान से जूझ रहा था. मैं व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री के पास पहुंचा और अनुरोध किया कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए, लेकिन केंद्र सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली. हमने बाढ़ से प्रभावित लोगों को प्रति परिवार 6,000 रुपये दिए. जब केंद्र सरकार ऐसी आपदाओं के दौरान भी आंखें मूंद लेती है, तो हम उचित वित्तीय सहायता या कर राजस्व के एक सभ्य हिस्से के लिए उन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं?
द्रविड़ मॉडल पर क्या बोले सीएम स्टालिन?
द्रविड़ मॉडल को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी विरासत है जिस पर हमें वास्तव में गर्व है, इसकी जड़ें जस्टिस पार्टी और द्रविड़ राजनीतिक आंदोलन से जुड़ी हैं. हमने एक सदी पहले मद्रास प्रेसीडेंसी में शिक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में यात्रा शुरू की थी. कामराजार (पूर्व सीएम कामराज) के समय में प्राथमिक शिक्षा की स्थापना और कलैग्नार (करुणानिधि) के तहत उच्च शिक्षा के विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर के साथ, इस लोकाचार को तमिलनाडु में समय के साथ आगे बढ़ाया गया है.
‘राजनीतिक विचारधाराएं विकसित होती हैं’
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे पीढ़ियां बदलती हैं, राजनीतिक विचारधाराएं विकसित होती हैं. द्रविड़ आंदोलन इसका प्रमुख उदाहरण है जो पेरियार, अन्ना और कलैग्नार के समय से लेकर वर्तमान समय तक इसी रास्ते पर चला है. मैं मानता हूं कि समय बदलता है, लेकिन सामाजिक न्याय, समानता, राज्य के अधिकार और भाषा के प्रति गहरा जुनून कभी नहीं बदलते.
बीजेपी पर साधा निशाना
दूसरी ओर, बीजेपी एक अलग खेल खेलती है. वे धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा देते हैं, नफरत पैदा करते हैं और आरएसएस की विचारधारा में राजनीति का मिश्रण करते हैं. आज उनके सामने मोदी ही सबसे आगे हैं. वे पीएम मोदी को ‘विश्व गुरु’ कह सकते हैं, लेकिन जब आप तमिलनाडु जैसे राज्यों के प्रति उदासीनता या चीन के साथ सीमा पर टकराव को देखते हैं, तो उनकी चुप्पी बहुत कुछ कहती है. वह कोई ‘विश्व गुरु’ नहीं हैं. आने वाले चुनावों में राहुल गांधी जैसा गतिशील युवा नेता पीएम मोदी की छवि को ध्वस्त करने के लिए तैयार है.
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