लखनऊ। कोरोना काल में जेईई, नीट परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद अभी शांत नहीं हुआ है। विपक्षी दल इस मामले में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने परीक्षा के आयोजन को लेकर सरकार पर फिर निशाना साधा है।
अखिलेश ने सोमवार को ट्वीट किया कि जिस प्रकार देशभर के परीक्षार्थियों ने अपनी ‘नापसंदगी’ दर्शाकर अपना रोष दर्ज किया है, उसने साफ कर दिया है कि चिंतित युवा और अभिभावक भी चाहते हैं कि सत्ताधारी अपना दंभ त्यागकर परिवारवालों की मांग सुनें। अखिलेश ने कहा कि याद रहे पलटे हुए अंगूठे सत्ता भी पलट देते हैं। ये जनतंत्र है, मनतंत्र नहीं।
दरअसल रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ को यूट्यूब पर पसंद करने वाले लोगों की संख्या से अधिक संख्या नापसंद करने वाले लोगों की देखी गई। इसी को लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है।
अखिलेश इससे पहले भी इस मामले पर सवाल उठाते रहे हैं। वह कह चुके हैं कि जेईई, नीट की परीक्षा कराने पर आमादा भाजपा बताए कि इस परीक्षा के बाद किस तारीख से संस्थानों को खोलेगी, कब चयन की प्रक्रिया पूरी होगी, कब से क्लासेज शुरू होंगी। जब ये तय ही नहीं है तो सरकार किसके दबाव में ये हड़बड़ी कर रही है? अखिलेश इस सम्बन्ध में परीक्षार्थियों और अभिभावकों के समर्थन तथा परीक्षाओं व भाजपा के खिलाफ एक खुला पत्र भी लिख चुके हैं।
वहीं विपक्ष के सवालों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कि प्रदेश सरकार नीट तथा जेईई परीक्षाओं के आयोजन का समर्थन करती है। विगत 9 अगस्त को राज्य में बीएड की प्रवेश परीक्षा सम्पन्न हुई, जिसमें लगभग पांच लाख अभ्यर्थी थे। इस परीक्षा में कहीं से संक्रमण की कोई समस्या संज्ञान में नहीं आयी। इसी प्रकार लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश की परीक्षा भी सम्पन्न कराई गई है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि विपक्ष मुद्दा विहीन है और उसे बच्चों के भविष्य का ख्याल नहीं है। ये लोग बच्चों का एक साल बर्बाद करने के पीछे पड़े हैं, इनको भगवान ही सद्बुद्धि दे। उन्होंने कहा कि कई परीक्षाएं सम्पन्न हुई हैं। चुनौती है, पर उससे उभरेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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