लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार के इंतजामों पर सवाल उठाये हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के वश में अब उत्तर प्रदेश का शासन-प्रशासन नहीं रह गया है। सरकार जितना बता रही है कोरोना संक्रमण के आंकड़े उससे ज्यादा ही दिख रहे हैं। इतने प्रयत्नों और प्रोटोकाल के बाद भी कोरोना मंत्रियों, सांसदों, विधायकों तक को अपना शिकार बना रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इधर रोजाना अपराध का ग्राफ बढ़ता ही दिखाई देता है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का हाल यह है कि मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं जंगलराज की दहशत पैदा कर रही हैं। भाजपा इस सबसे मुंह छुपाने के लिए झूठ के सहारे अफवाह फैलाने वाली वारदात को अंजाम देने में लग गई है।
अखिलेश ने अपने एक फर्जी ट्वीट के वायरल होने को लेकर कहा कि छलकपट के साथ सोशल मीडिया पर भाजपा के इशारे पर अफवाह और नफरत फैलाने का व्यापार पुराना है। सत्ता की भूख में भाजपा के लोग किसी हद तक जा सकते हैं फिर चाहे इसका परिणाम समाज में सद्भावना पर ही आघात कर दे।
उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री के गृह जनपद में अपराधों पर नियंत्रण नहीं है। एक मानसिक रूप से कमजोर युवती को अगवा कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार की अमानवीय घटना ने तमाम सरकारी दावों-वादों की पोल खोल दी है। आगरा में एक निजी अस्पताल में डाक्टर ने 30,000 रुपये डिलीवरी फीस न दे पाने पर एक मां से नवजात शिशु को छीन लिया।
राजधानी लखनऊ में युवा कारोबारी की हत्या हो गई। यहीं गोसाईंगंज में 28 अगस्त से गायब युवक का शव मिला। माल में बच्ची की गला दबाकर हत्या की गई। इनके अतिरिक्त हरदोई में एक आश्रम में साधू, उनके बेटे और शिष्या की हत्या हुई। मथुरा में एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या हुई। उत्तर प्रदेश भाजपा राज में हत्या प्रदेश बन गया है। पूरे देश में इसकी बदनामी है। (एजेंसी, हि.स.)
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