डेस्क: पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. सभी दल सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (Akali Dal) ने बड़ा ऐलान किया है. सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. अकाली दल ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है.
अभी दो दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सिख समुदाय को नेताविहीन बनाने की कथित गहरी साजिश के खिलाफ आगाह किया और उन्हें ‘पहचानने और हराने’ का आह्वान किया. स्वर्ण मंदिर परिसर में मंजी साहिब दीवान हॉल से एक सभा को संबोधित करते हुए अकाली नेता ने ‘पंजाब के बाहर सत्ता के गैर सिख केंद्रों पर समुदाय को पूरी तरह से निर्भर बनाने की साजिश के खिलाफ’ आगाह किया.
उन्होंने दावा किया कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पंजाब में एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस जहां 10 जनपथ से संचालित है, वहीं आप केजरीवाल के सामने नतमस्तक है. अकाल तख्त साहिब में जन्मी शिअद एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसे पंजाबियों की पार्टी होने में गर्व है.’ बादल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों ने पहले ‘टैंक और गोले से हमारी भावना को तोड़ने की कोशिश की लेकिन उन्हें जल्द ही महसूस हुआ कि इससे ऐसा नहीं किया जा सकता है इसलिए वह हमें बांटने के लिए षडयंत्र करने लगे.’
‘शिअद-बसपा सत्ता में आई, तो गन्ना किसानों के लिए बनेगा अलग कानून’
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर राज्य में शिअद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गठबंधन सत्ता में आता है, तो चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों को समय पर भुगतान किए जाने को लेकर एक कानून लागू किया जाएगा. शिअद अध्यक्ष ने इस निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर जन सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें इस प्रकार की कई शिकायतें मिली हैं कि चीनी मिल किसानों को एक-एक साल की देरी से भुगतान कर रही हैं.
बादल ने कहा, ‘यह अस्वीकार्य है.’ उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत यदि मिल मालिक गन्ना पेराई के तीन महीने के भीतर किसानों का बकाया भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा. बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि गन्ना किसानों को सरकार द्वारा अधिसूचित 360 रुपये प्रति क्विंटल का राज्य द्वारा सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) मिले. बादल मुकेरियां से पार्टी उम्मीदवार सरबजोत साबी के समर्थन में जन रैलियों को संबोधित कर रहे थे.
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