नई दिल्ली । बांग्लादेश सरकार (Bangladesh Government) के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (mohammed yunus) ने हाल ही में चीन (China) के दौरे पर भारत (India) के खिलाफ बयानबाजी की। यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश इस क्षेत्र में समुद्र का ‘एकमात्र संरक्षक’ है। उनके बयान से भारत को आशंका है कि बांग्लादेश-चीन की बढ़ती नजदीकी उसके रणनीतिक हितों के लिए खतरा बन सकती है। इस मामले में असम जातीय परिषद (AJP) ने बांग्लादेश को भारत के खिलाफ बोलने पर कड़ी फटकार लगाई है। पार्टी ने कहा कि अहसान फरामोश बांग्लादेश को भारत की दया पर आजादी मिली थी, इसलिए उसे भारत के खिलाफ कोई बयान देने का अधिकार नहीं है।
AJP नेताओं का बयान
AJP अध्यक्ष लुरिन ज्योति गोगोई और महासचिव जगदीश भुयान ने कहा, “बांग्लादेश एक ऐसा देश है, जो खुद अपने यहां लोकतांत्रिक चुनाव भी सही से नहीं करा सकता। वहां के प्रधानमंत्री को जनता के गुस्से से डरकर भागना पड़ता है। ऐसे देश को भारत जैसे ताकतवर देश के खिलाफ बोलने का हक नहीं है।”
यूनुस का चीन दौरा और विवादित बयान
मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में चार दिन के चीन दौरे के दौरान कहा कि बांग्लादेश चाहता है कि चीन उसकी अर्थव्यवस्था में ज्यादा निवेश करे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य समुद्र से कटे हुए हैं, यह चीन के लिए एक अच्छा व्यापारिक अवसर हो सकता है।
अहसान फरामोश बांग्लादेश
AJP नेताओं ने बांग्लादेश को अहसान फरामोश देश कहा और आरोप लगाया कि वहां के लोगों ने अपने संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की मूर्तियां तक तोड़ दी हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 1971 में भारत की मदद से ही बांग्लादेश आजाद हुआ था, लेकिन अब वही देश भारत के खिलाफ बोल रहा है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर
AJP के इस बयान से साफ है कि बांग्लादेश-चीन की बढ़ती दोस्ती भारत को पसंद नहीं आ रही। भारत के उत्तर-पूर्व को लेकर यूनुस के बयान ने असम की राजनीतिक पार्टियों को नाराज कर दिया है।
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