नई दिल्ली । महाराष्ट्र(Maharashtra) में उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar)की मुश्किलें बढ़ने के आसार(Prospects) हैं। एक ओर उनकी अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party)से नेता छिटक रहे हैं। वहीं, अब चाचा शरद पवार के करीबी और वरिष्ठ नेता ने साफ कर दिया है कि अजित के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। बीते महीने घोषित हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों में एनसीपी खास प्रदर्शन नहीं कर सकी थी।
अखबार के अनुसार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता जयंत पाटिल ने गुरुवार को कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है। पाटिल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को हाल के लोकसभा चुनाव में लोगों से जबरदस्त समर्थन मिला, जिसके कारण महा विकास अघाड़ी के तहत उसने जिन 10 सीट पर चुनाव लड़ा उनमें से आठ पर उसे जीत मिली।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राकांपा केवल रायगढ़ से ही जीत पाई, जबकि बारामती और शिरुर में वह प्रतिष्ठा की लड़ाई हार गयी। पाटिल ने कहा, ‘राकांपा दो दलों में बंट गई है। दोनों के अपने-अपने चुनाव निशान हैं। दोनों के बीच गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है।’
विधानसभा चुनाव से पहले छिटके नेता
हाल ही में पिंपरी चिंचवाड़ के एनसीपी चीफ अजित गव्हाणे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा स्टूडेंट विंग के चीफ यश साने, पूर्व कॉर्पोरेटर राहुल भोसले और पंकज भालेकर ने इस्तीफा दे दिया था। ये सब ऐसे समय पर हो रहा है, जब राज्य में लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद अब विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। साल के अंत में राज्य में चुनाव हो सकते हैं।
RSS भी अजित पवार से खुश नहीं?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS से जुड़ी मराठी पत्रिका विवेक में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की वजह एनसीपी के साथ गठबंधन को बताया गया था। इससे पहले भी राज्य में भाजपा के खराब प्रदर्शन की प्रमुख वजह एनसीपी को बताया जाता रहा है। इसके अलावा अटकलें हैं कि कई भाजपा नेता भी इस गठबंधन से पूरी तरह खुश नहीं हैं।
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