नई दिल्ली: अजित पवार (Ajit Pawar) नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष बन गए हैं. उन्होंने अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) को पद से हटा दिया है. पार्टी के भीतर मची सियासी घमासान में फिलहाल उन्हें जीत मिलती नजर आ रही है. शरद पवार को अजित पवार ने पद मुक्त कर दिया है. शरद पवार के पास उन्हें पद मुक्त करने का अधिकार है या नहीं, इसे लेकर अभी शरद गुट (Autumn Faction) की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
अजित पवार ने एनसीपी के बागी नेताओं की एक अहम बैठक मुंबई में बुलाई थी. बागी विधायकों ने अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष चुन लिया है. शरद पवार की जगह अजित पवार को बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया है. एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक में यह फैसला लिया है. बैठक में एक प्रस्ताव पास किया जिसमें दावा किया गया कि पार्टी अपनी मुख्य विचारधारा से भटक गई है. यही वजह है कि शरद पवार की जगह, अब अजित पवार अध्यक्ष होंगे.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक में दावा किया गया है कि अजित पवार को 30 जून को ही मुंबई में हुई कार्यकारिणी की बैठक में एनसीपी अध्यक्ष चुन लिया गया था. अब शरद पवार अपनी पार्टी में अपनी बेटी सुप्रिया सुले के साथ साइडलाइन हो गए हैं. अजित पवार के समर्थन में कुल 31 विधायक आए हैं. छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, नरहरि झिरवाल, दिलीप मोहिते, अनिल पाटिल, माणिकराव कोकाटे, दिलीप वाल्से पाटिल, अदिति तटकरे, राजेश पाटिल, धनंजय मुंडे और धर्मराव अत्राम बैठक में मौजूद रहे.
अन्ना बंसोड़, नीलेश लंके, इंद्रनील नाइक, सुनील शेलके, दत्तात्रय भरणे, संजय बंसोड़, संग्राम जगताप, दिलीप बनकर, सुनील टिंगरे, बालासाहेब अजाबे, दीपक चव्हाण, यशवंत माने, नितिन पवार, शेखर निकम और संजय शिंदे ने साथ दिया है. विधायक राजू कोरमारे, बनराव शिंदे, प्रकाशदादा सोलंके और मनोहर चंद्रिकापुर भी अजित पवार के साथ हैं. वहीं अमोल मिटकारी, रामराज निंबालकर, अनिकेत तटकरे और विक्रम काले जैसे विधान परिषद सदस्यों ने भी अजित पवार का साथ दिया है.
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