मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ सकता है. एक तरफ विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है वहीं उप-मुख्यमंत्री अजित पवार की मुश्किल बढ़ने वाली है. पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवंकर के दावों से अजित पवार की परेशानी बढ़ सकती है. मीरा बोरवंकर ने अपनी किताब ‘मैडम कमिश्नर’ में बिना नाम लिए अजित पवार पर गंभीर आरोप लगाये हैं.
अजित पवार एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का साथ छोड़कर राज्य में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गये जिसके बाद उन्हें सरकार में उप-मुख्यमंत्री का पद मिला. इसके बाद उन्हें हाल ही में पुणे जिला के संरक्षक मंत्री का भी पद मिला. लेकिन पुणे की पूर्व कमिश्नर मीरा बोरवंकर के दावों से अजित पवार संकटों से घिर सकते हैं.
यह मामला तब का है जब मीरा बोरवंकर पुणे पुलिस कमिश्नर थीं. साल 2010 के इस मामले का जिक्र मीरा बोरवंकर ने अपनी किताब ‘मैडम कमिश्नर’ में किया है. इस किताब में अजित पवार का नाम लिये बिना उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
मीरा बोरवंकर ने आरोप लगाया है कि अजित पवार ने येरवडा में पुलिस के स्वामित्व वाली तीन एकड़ जमीन एक निजी बिल्डर को दे दी. हालांकि उन्होंने किताब में सीधे तौर पर अजित पवार का नाम नहीं लिया है. लेकिन कहा है कि जिले के मंत्री ‘दादा’ हैं. किताब में दावा किया गया है कि इस तीन एकड़ जमीन पर पुलिस ऑफिस बनने वाला था.
किताब के मुताबिक मीरा बोरवंकर ने इस लेन-देन का विरोध करते हुए कहा था कि अगर येरवडा में पुलिस का सरकारी जगह किसी निजी व्यक्ति को दी जाएगी तो इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचेगा. लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई और लेनदेन संभागीय आयुक्त के माध्यम से पूरा किया गया.
इस दावे के बाद राजनीतिक गलियारों में इस किताब की चर्चा में शुरू हो गई है. हालांकि पूरे मामले पर अजित पवार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इस मामले पर संजय राउत ने अजित पवार को घेरा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अजित पवार भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. इस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए.
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