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    शरद पवार से पहले अजित गुट पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दायर की कैविएट याचिका

  • February 07, 2024

    नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में चाचा भतीजे के बीच पिछले छह महीने से चल रही तनातनी और भी बढ़ गई है. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) माना है. जिसके बाद अब पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. 6 फरवरी को फैसला चुनाते हुए चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम NCP और चुनाव चिह्न घड़ी अजित गुट को दिया है.

    इसके साथ ही चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपने नए राजनीतिक दल के लिए तीन नाम देने को कहा है, जिसके लिए बुधवार शाम 4 बजे तक का समय दिया है. चुनाव आयोग के फैसले से जहां अजित गुट में जश्न का माहौल है तो वहीं शरद गुट में मायूसी छाई हुई है. मंगलवार को शरद पवार ने आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की बात कही थी.

    अजित पवार ने SCमें कैविएट याचिका दाखिल की
    इससे पहले कि चाचा शरद पवार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते उससे पहले ही भतीजे अजित ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर दी है. अजित गुट की तरफ से याचिका में मांग की गई है कि विपक्ष की तरफ से दायर किसी भी मामले में उनके पक्ष को सुने बगैर कोई भी आदेश न दिया जाए. आपको बता दें कि कैविएट याचिका वह व्यवस्था है जो अदालत को एक पक्षीय आदेश नहीं देने की गुजारिश करता है.


    अजित के जाने से शरद पवार को लगा था झटका
    गौरतलब है कि पिछले साल 2 जुलाई को अजित पवार एनसीपी के कई विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया था. अजित के इस कदम से शरद पवार को बड़ा झटका लगा था. कुछ समय बाद अजित ने शरद पवार को NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान कर खुद को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था.

    अजित का पार्टी के नाम, चुनाव चिन्ह पर दावा
    इसके बाद अजित ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोका और इसके लिए चुनाव आयोग का रुख किया. अजित गुट का दावा था कि बहुमत उनके पास है ऐसे में पार्टी पर उनका हक है. वहीं शरद पवार गुट ने आयोग से अजित पवार और उनके साथ गए विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.

    6 महीने तक 10 बार हुई सुनवाई
    इस मामले में 6 महीने तक 10 बार सुनवाई हुई जिसके बाद चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के हक में फैसला सुनाया और पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें दे दिया. आयोग का कहना है कि विधायकों की संख्या का बहुमत अजित गुट के पास ज्यादा है इसलिए उसने NCP का नाम और चुनाव चिन्ह हासिल किया.

    वहीं आयोग के फैसले पर खुशी जताते हुए अजित पवार ने कहा लोकतंत्र में हमेशा बहुमत को महत्व दिया जाता है, और बहुमत हमारे पास है. यही वजह है कि चुनाव आयोग ने उन्हें NCP नाम और चुनाव चिन्ह दिया है.

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