नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर जारी प्रचार के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एनसीपी (अजित पवार) से कहा है कि वह शरद पवार (Sharad Pawar) के वीडियो (Video) या तस्वीरों (Photos) का इस्तेमाल न (Bans) करे. शरद पवार अपने भतीजे अजित (Ajit Pawar) को ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उन्हें इसमें तो सफलता नहीं मिल पाई है, लेकिन कोर्ट ने यह ज़रूर कहा कि अजित अपनी पार्टी के नेताओं को शरद की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से रोकें.
जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा, “हम नहीं समझते कि शरद पवार की तस्वीरों को देख कर मतदाताओं को कोई भ्रम होगा. गांव में रह रहा मतदाता भी जानता है कि चाचा और भतीजा अब अलग हो चुके हैं.” जजों ने शरद पवार के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि उन्हें मतदाताओं की समझ पर भरोसा रखना चाहिए.
अजित पवार के लिए पेश वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने कहा कि आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ज़रिए भी वीडियो बना दिए जा रहे हैं. वह हर वीडियो पर जवाब नहीं दे सकते. इस पर सिंघवी ने कहा कि जो वीडियो उन्होंने कोर्ट में रखा है उसे अजित पवार की पार्टी के एक प्रत्याशी ने जारी किया है. अजित की पार्टी शरद पवार की पहचान का फायदा उठाना चाह रही है.
अजित पवार के वकील ने कहा कि वह इस वीडियो के बारे में जानकारी जुटा कर जवाब दाखिल करेंगे. जजों ने कहा, “आप अपने नेताओं से कहिए कि वह शरद पवार के वीडियो या तस्वीरों का इस्तेमाल न करें. जब आप दोनों अलग हो चुके हैं, तो बेहतर होगा कि आप अपने दम पर राजनीति करें.”
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