एकमात्र सीट भाजपा के खाते में जाने और दलबदल को लेकर घेरे में लेने लगे पटवारी को
इंदौर। प्रदेश (State) में बची एक मात्र कांग्रेस (Congress) की सीट भी भाजपा (BJP) के खाते में चली गई और सभी 29 सीटों पर भाजपा का कब्जा हो गया। इसको लेकर अब कांग्रेस की पॉलिटिक्स (politic) हाट होती जा रही है। कल नेता प्रतिपक्ष ने अजयसिंह (Ajay Singh) ने पटवारी (Patwari) पर हमला बोलते हुए कहा कि अब हार हुई तो इसकी जवाबदारी लेना पड़ेगी। मैंने भी 2013 में चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष से इस्तीफा दे दिया था। वहीं कुछ और नेताओं ने भी पटवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिससे पटवारी का पद पर बने रहना मुश्किल साबित होगा।
जब से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर जीतू पटवारी को बैठाया गया था, तब से ही कांग्रेस में दल बदल का दौर शुरू हो गया था और कई नेताओं ने इसकी खिलाफत भी की थी। कांग्रेस के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में दल बदल हुआ है। इसको लेकर कांग्रेस के नेताओं ने ही पटवारी पर जुबानी हमला बोला था, लेकिन अब छिंदवाड़ा के एकमात्र सीट के भाजपा में जाने के बाद खुलकर कांग्रेस नेता सामने आ गए हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने तो सीधे-सीधे कह दिया कि जीतू पटवारी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि इतनी बड़ी हार अब तक नहीं हुई है। उन्होंने अपने अकाउंट पर यह भी लिखा कि एक बड़े नेता के आने-जाने का निर्णय भी नुकसानदायक रहा है। यह इशारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की और था। इसके साथ ही पटवारी के गृह नगर में भी जिस तरह कांग्रेस के प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया, इसको लेकर भी उन पर हमलों की बौछार की जा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस को राऊ में भी बुरी हार का सामना करना पड़ा, जहां 1 लाख 75 हजार 317 वोट भाजपा को मिले थे, वहीं पटवारी के वार्ड में भी 15 हजार 500 वोट से भाजपा जीती है। यही नहीं खुद पटवारी के बूथ पर भाजपा को 617 वोट से बढ़त मिली है। इसको लेकर भाजपा के नेताओं ने कहा है कि पटवारी नेतृत्व करने में नाकाम साबित हुए है, उन्होंने कहा कि इसकी जवाबदारी लेकर पटवारी को तुरंत इस्तीफा दे दाना चाहिए। एक अन्य कांग्रेस नेता और पिछड़ा वर्ग के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके दामोदर यादव ने जीतू पटवारी को निठल्ला अध्यक्ष बताते हुए इस्तीफा मांगा है।