भोपाल। मप्र में एक तरफ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित सात स्थानों से सी प्लेन चलाने की तैयारी की जा रही है, वहीं प्रदेश में विमान यात्री नहीं मिल रहे हैं, इस कारण प्रदेश के सारे एयरपोर्ट करोड़ों रूपए का घाटा उठा रहे हैं। दरअसल, विमान यात्रियों की कमी है और रख रखाव का खर्च ज्यादा है। इनमें सबसे अधिक नुकसान में भोपाल का राजाभोज एयरपोर्ट हैं। बीते एक साल में भोपाल का हवाई अड्डा को 55.61 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि दावा किया था प्रदेश के हवाईअड्डों से देश भर की कनेक्टिविटी के बाद ये हवाई अड्डे फायदे में आ जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का मानना है कि कोरोना संक्रमण काल के बाद से स्थितियों में सुधार नहीं आ पा रहा है। एएआई की रिपोर्ट के अनुसार हवाई अड्डों के रखरखाव में खर्च में लगातार इजाफा होता जा रहा है, जबकि यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे आय नहीं बढ़ रही।
हालांकि घाटे को कम करने के लिए एयरपोर्ट के वाणिज्यिक स्पेस का अधिक से अधिक उपयोग करने के साथ ही खर्चों में कमी करने की बात कही जा रही है। बिजली खर्च को कम करने के लिए सोलर पैनल के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। साथ ही हवाई अड्डा प्रभार को भी बढ़ाया गया है।
भोपाल समेत सभी एयरपोर्ट घाटे में
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और खजुराहो के हवाई अड्डे नुकसान में हैं। एएआई की रिपोर्ट के मुताबिक ,राजधानी भोपाल का हवाई अड्डा सबसे अधिक नुकसान में है। बीते एक साल में भोपाल के हवाई अड्डा को 55.61 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि दूसरे नंबर पर इंदौर का देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा है, यहां एक वर्ष में 40.24 करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि साल 2019-20 में इंदौर के हवाई अड्डे से 4.47 करोड़ की आय हुई थी, लेकिन उसके बाद से ही यह हवाई अड्डा नुकसान में चल रहा है। राज्य विमानपत्तर प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे कम नुकसान प्रदेश के ग्वालियर हवाई हड्डे से है। ग्वालियर हवाई अड्डा से बीते एक साल में 4.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जबकि जबलपुर से 10.96 करोड़ और खजुराहो एयरपोर्ट से 29.33 करोड़ का नुकसान हुआ है।
124 हवाई अड्डों में से कोलकाता ने कमाए 145 करोड़
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के स्वामित्व वाले 124 हवाई अड्डों में से सिर्फ 11 हवाई अड्डे ऐसे हैं जो फायदे में रहे। इनमें से कोलकाता हवाई अड्डे ने सबसे अधिक 145 करोड़ रुपए की कमाई की तो पुणे हवाई अड्डे से 39.13 करोड़ का लाभ हुआ। हालांकि वर्ष 2019-20 में कोलकाता हवाई अड्डे से 545 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने देश के 61 एयरपोर्ट की सुरक्षा में निजी सिक्यूरिटी गार्ड की भी तैनाती की है। यहां कुल 1924 गार्ड तैनात किए गए हैं। इन गाड्र्स की तैनाती उन स्थानों पर किए जाने की बात कही गई है, जिन्हें गैर महत्वपूर्ण विमानन सुरक्षा पॉइन्ट्स माना जाता है। हालांकि ये हवाई अड्डे सीआइएसएफ के सुरक्षा कवर में भी हैं। मप्र के भोपाल में दस, इंदौर में 19, खजुराहो में चार और ग्वालियर में निजी सुरक्षा एजेंसी का एक सिक्यूरिटी गार्ड तैनात किया गया है। यहां बता दें, जुलाई 2022 से 1 फरवरी तक देशभर के सभी हवाई अड्डों और फ्लाइट में कुल 118 सुरक्षा संबंधी घटनाएं सामने
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